तालिबान ने किया अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर कब्जा, ‘सुरक्षाकर्मी चैकियों से भागे‘

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
तालिबान ने किया अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर कब्जा, ‘सुरक्षाकर्मी चैकियों से भागे‘
तालिबान ने किया अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर कब्जा, ‘सुरक्षाकर्मी चैकियों से भागे‘

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

अफगान अधिकारियों का कहना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच की सीमा पर कब्जा कर लिया है. तालिबान के मंगलवार को सत्ता संभालने के बाद कुछ सुरक्षाकर्मी अपनी जगह छोड़ गए, जबकि अन्य ने सीमा पार कर ली.
 
मई में अमेरिका की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान का उत्तरी शेर खान बंदरगाह का अधिग्रहण उनके लिए महत्वपूर्ण रहा है. सीमा अफगान शहर कुंदुज से 50 किमी दूर है.कुंदुज प्रांतीय परिषद के एक सदस्य खालिदुद्दीन हाकामी ने फ्रांसीसी न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि तालिबान ने एक घंटे के भीतर ताजिक सीमा पर बंदरगाह, कस्बे और चैकियों पर कब्जा कर लिया.
 
सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें सभी चैकियों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. हमारे कुछ सैनिकों ने सीमा पार कर ताजिकिस्तान में प्रवेश किया.‘‘उन्होंने कहा,‘‘सुबह तक, वे (तालिबान लड़ाके) हर जगह, हजारों में थे.
 
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने हमले की पुष्टि की है.इस कदम ने अफगानिस्तान में शांति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच चिंता बढ़ा दी है.अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के प्रमुख डेबरा लियोन ने कहा, ‘‘अधिकांश कब्जे वाले जिले प्रांतीय राजधानी के आसपास हैंे.‘‘
 
उन्होंने कहा कि तालिबान की स्थिति से पता चलता है कि विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद, वे संभवतः इन महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा कर सकते हैं.मई की शुरुआत से, तालिबान ने सरकारी बलों को निशाना बनाकर कई बड़े हमले किए हैं.
 
तालिबान ने देश के 421 जिलों में से 87 पर कब्जा करने का दावा किया है. हालांकि, सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है. इन्हें अलग से सत्यापित करना मुश्किल है.राष्ट्रपति अशरफ गनी की व्हाइट हाउस यात्रा से तीन दिन पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने रक्तपात को समाप्त करने का आह्वान किया.
 
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका चाहता है कि अफगान सरकार और तालिबान अफगानिस्तान के भविष्य के लिए राजनीतिक रोडमैप पर बातचीत करें.शेर खान बंदर पिंज नदी के दक्षिण में स्थित है और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी धन से बनाया गया एक पुल है.
 
कुंदुज प्रांतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रवक्ता मसूद वहीदत ने कहा कि हमले के समय शेर खान बंदर में 150 ट्रक माल से लदे थे. ‘‘हमें नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ था.‘‘ ‘‘यह एक बहुत बड़ा वित्तीय नुकसान होगा.
 
अफगान सुरक्षा विश्लेषक अतीकुल्ला अमरखाइल ने कहा कि शेर खान बंदर पर कब्जा सरकार के लिए एक बड़ा झटका था.‘‘इसके मुख्य बंदरगाह की रक्षा करने में विफलता यह संकेत दे सकती है कि सरकार अभी भी युद्ध के मैदान में कदम रखने के लिए संघर्ष कर रही है.‘‘