काबुल. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान और अल कायदा के बीच संबंध घनिष्ठ बने हुए हैं. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की रिपोर्ट ने अफगानिस्तान में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी समूहों की उपस्थिति का आकलन किया.
रिपोर्ट में कहा गया कि इस आकलन के जरिए पता चला कि तालिबान की मदद से अल कायदा के पास एक सुरक्षित आश्रय है. अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी ने अगस्त के बाद से लगातार वीडियो जारी कर रहा है, जो उसके जिंदा रहने का प्रमाण है.
अल-जवाहिरी पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल-जवाहिरी आतंकी समूह की गद्दी संभाली थी. उसकी मौत की अफवाहें 2020 के अंत में फैलने लगीं.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान के अल कायदा से जुड़े 180 से 400 लड़ाके अफगानिस्तान के गजनी, हेलमंद, कंधार, निमरुज, पक्तिका और जाबुल प्रांतों में बसे हुए हैं. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने अभी तक रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.