कोलंबो.
पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका भंडारनायके कुमारतुंगा की हत्या का प्रयास करने के जुर्म में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद आठ पूर्व तमिल विद्रोहियों, जिनमें से तीन को सजा सुनाई गई है, दिवाली समारोह के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें क्षमा कर दिया, इन सबको रिहा कर दिया गया है.
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आठ तमिल कैदियों को देश की अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए व्यक्ति को माफी देने के लिए निहित शक्तियों के तहत माफी दी और उत्तरी श्रीलंका में अपने परिवार के सदस्यों के साथ दिवाली मनाने की अनुमति दी.
पूर्व राष्ट्रपति कुमारतुंगा ने उन तीन कैदियों को रिहा करने की सहमति दी थी, जो 1999 में एक चुनावी रैली के दौरान उनकी हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद लंबे समय तक सजा काट रहे थे.
कुमारतुंगा की अंतिम चुनावी रैली के दौरान दिसंबर 1999 में कोलंबो में एक शक्तिशाली बम विस्फोट करके हत्या का प्रयास किया गया था. कुमारतुंगा विस्फोट में हालांकि बच गए, मगर उन्होंने एक आंख खो दी.
इस विस्फोट में 26 लोग मारे गए और 80 घायल हो गए थे. राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के पूर्व सदस्यों की रिहाई तमिल सांसदों और राष्ट्रपति के बीच कई मौकों पर कई चर्चाओं के बाद हुई है.
रिहाई से पहले, न्याय मंत्रालय और अटॉर्नी जनरल की भागीदारी के साथ कैदियों और आपराधिक रिकॉर्ड पर जांच की गई थी, जिन्होंने मूल रूप से उन्हें दोषी ठहराया था. मई 2009 में युद्ध की समाप्ति के बाद तमिल राजनीतिक दल सभी निर्वाचित सरकारों से लगभग 100 कैदियों को सार्वजनिक माफी देने का आग्रह कर रहे थे, जिन्हें बिना किसी अभियोजन के हिरासत में लिया गया था और लंबे समय तक जेल में रखा गया था.