आवाज द वॉयस/ कोलंबो
श्रीलंका के राष्ट्रपति के पद की दौड़ में तीन लोग शामिल थे. मुकाबला कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, सत्ताधारी पार्टी के विधायक दुल्लास अलहप्परुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की नेता अनुरा कुमारा दिसानायक के बीच था.श्रीलंकाई संसद ने बुधवार को अंतरिम राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को संकटग्रस्त देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में चुन लिया.
उन्हें कुल 219 मतों में से 134 मत मिले. अन्य उम्मीदवारों में सत्ताधारी पार्टी के विधायक दुल्लास अलहप्परुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की नेता अनुरा कुमारा डिसनायका को उम्मीद से कम वोट मिले.
विक्रमसिंघे को सत्तारूढ़ दल के एक वर्ग द्वारा समर्थित किया गया था, जिसके पास 2020में पिछले संसदीय चुनाव के अनुसार कुल 145सीटें थीं. अलहप्परुमा को दूसरे वर्ग के साथ मुख्य विपक्षी दल का समर्थन प्राप्त था. पिछली बार इसे 54 सीटें जीती थीं.
इस बीच, श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि भारत श्रीलंका को जल्दी और प्रभावी आर्थिक सुधार करने में मदद करेगा. भारत लगभग 4 बिलियन डॉलर की सहायता के साथ श्रीलंका की मदद की है. आगे भी सहयोग जारी रहेगा.
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— Shubhajit Roy (@ShubhajitRoy) July 20, 2022