काबुल गुरुद्वारा में तोड़फोड़ के बाद सिख खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
काबुल गुरुद्वारे के अंदर हथियारबंद बंदूकधारियों का वीडियो
काबुल गुरुद्वारे के अंदर हथियारबंद बंदूकधारियों का वीडियो

 

नई दिल्ली. काबुल में सिखों का कहना है कि एक दर्जन से अधिक हथियारबंद लोगों ने 5 अक्टूबर को अफगानिस्तान की राजधानी के कार्त-ए परवान जिले में एक गुरुद्वारे पर हमला किया और कुछ समय के लिए कब्जा कर लिया. उन्होंने गार्डों को बांधने और सुरक्षा कैमरों को नष्ट करने के बाद जगह में तोड़फोड़ की.

अफगानिस्तान के रेडियो आजादी के मुताबिक, हमले में गार्ड को मामूली चोटें आई हैं.

गुरुद्वारा गुरनाम सिंह के ग्रंथी ने आजादी रेडियो को बताया कि वह घुसपैठियों की पहचान के बारे में निश्चित नहीं थे, लेकिन इस घटना ने सिख समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.

गुरनाम ने कहा, “5 अक्टूबर, को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे, 15से 20आतंकवादी गुरुद्वारा में घुस गए और सुरक्षाकर्मियों को बांध दिया. उन्होंने सुरक्षा कैमरे भी तोड़ दिए. वे लगभग आधे घंटे तक गुरुद्वारे में रहे. सुरक्षा अधिकारियों ने हमें यह नहीं बताया कि वे चोर थे या तालिबान.”

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सिख मंदिर के अंदर हथियारबंद लोगों को दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो फुटेज से, यह पता लगाया जा सकता है कि घुसपैठिए कुछ खोज रहे थे - संभवतः एक स्नूपिंग डिवाइस.

हालांकि यह माना जा रहा है कि घुसपैठिए सत्तारूढ़ तालिबान थे. तालिबान के नेतृत्व वाले अधिकारियों की मीडिया टीम के बिलाल करीमी ने उक्त पोर्टल को बताया कि हमले की जांच की जा रही है. 

कई धार्मिक अल्पसंख्यकों को 1996-2001से काबुल और अफगानिस्तान के अन्य व्यापक क्षेत्रों में तालिबान के शासन के दौरान सुन्नी आतंकवादियों के हाथों भेदभाव का सामना करना पड़ा है.

अफगान हिंदुओं और सिखों का समुदाय कभी 80,000से ज्यादा मजबूत होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन 1992में कम्युनिस्ट शासन के पतन के बाद बहुत से लोग छोड़ गए.

पिछले तीन दशकों के दौरान युद्ध के विभिन्न चक्रों के दौरान कई लोगों ने अपना व्यवसाय और संपत्ति खो दी है.

मार्च 2020 में काबुल के एक गुरुद्वारे पर बंदूकधारियों के घातक हमले के बाद ज्यादातर अफगान हिंदू और सिख भारत के लिए रवाना हो गए थे.