पाकिस्तानी डिप्लोमैट की शर्मनाक हरकत, दक्षिण अफ्रीका ने लगाए अघोषित प्रतिबंध

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-06-2022
पाकिस्तानी डिप्लोमैट की शर्मनाक हरकत, दक्षिण अफ्रीका ने लगाए अघोषित प्रतिबंध
पाकिस्तानी डिप्लोमैट की शर्मनाक हरकत, दक्षिण अफ्रीका ने लगाए अघोषित प्रतिबंध

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

किसी भी देश के राजनयिक उस देश का चेहरा और शान होते हैं, लेकिन पाकिस्तान में अवाम से लेकर अफसरों तक में इस कदर हताशा हावी है कि राजनयिक बेखौफ होकर पाकिस्तान को बार-बार शर्मिंदा कर हैं. दर्जनों पर पाकिस्तानी राजनयिकों ने सीमा से परे जाकर पाकिस्तान का सिर शर्म झुकाया है. उन पर पर्स, हेट और चॉकलेट चुराने तक के आरोप लग चुके हैं. ताजा वाकया में दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तानी राजनयिकों पर अवैध रूप से वाहन बेचने के आरोप लगाए हैं. इसके बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए हैं.

पूूरी दुनिया में पाकिस्तान के डिप्लोमैट को मुल्क के राजदूत के साथ आतंकवाद का राजदूत भी समझा जाता है. इतना ही नहीं, जब वे अपनी पर आ जाते हैं, तो चोरी-चकारी से भी गुरेज नहीं करते हैं. पहले दक्षिण अफ्रीका ने अवैध रूप से दूतावासों के वाहनों के स्थानांतरण और पंजीकरण पर अघोषित प्रतिबंध लगाया. ऐसा करके राजनयिक मोटी कमाई करते थे. अब पाकिस्तान ने झेंप मिटाने के लिए दक्षिण अफ्रीका पर यही प्रतिबंध लगा दिया है. इन अघोषित प्रतिबंधों से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.

दक्षिण अफ्रीकी राजस्व सेवा विभाग द्वारा पाकिस्तानी दूतावास के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद यह कूटनीतिक विवाद शुरू हुआ. दक्षिण अफ्रीका में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों पर विदेशों से आयातित वाहनों को बेचने का आरोप लगा है. दक्षिण अफ्रीका में पाकिस्तान के राजदूत मजहर जावेद और पूर्व उप राजदूत अदनान जावेद भी आरोपों का सामना कर रहे हैं.

हालांकि, पाकिस्तानी राजदूत मजहर जावेद और अदनान जावेद ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है.

एक जानकार सूत्र ने पाकिस्तान के जियो न्यूज को बताया, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों पर दक्षिण अफ्रीका में आयात करके वाहन बेचने का आरोप लगाया गया है. दक्षिण अफ्रीका में पाकिस्तानी राजदूत मजहर जावेद और पूर्व उप राजदूत अदनान जावेद भी इन आरोपों का सामना कर रहे हैं.’’

दक्षिण अफ्रीका द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में पाकिस्तान सरकार ने दक्षिण अफ्रीकी दूतावास के वाहनों के पंजीकरण और स्थानांतरण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

पाकिस्तानी डिप्लोमैट की शर्मनाक हरकतेंः

अक्टूबर, 2018 में एक आधिकारिक समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन उद्योग और उत्पादन मंत्रालय के संयुक्त सचिव जरार हैदर खान ने एक कुवैती प्रतिनिधि का पर्स चुरा लिया था. एक सीसीटीवी में उनकी यह हरकत कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी.

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पाकिस्तान के तत्कालीन उद्योग और उत्पादन मंत्रालय के संयुक्त सचिव जरार हैदर खान एक कुवैती प्रतिनिधि का पर्स चुराते हुए कैमरे में कैद हुए   


अप्रैल, 2021 में दक्षिण कोरिया में पाकिस्तान दूतावास के दो राजनयिकों को सियोल में एक स्टोर से सामान चुराते हुए पकड़ा गया था. एक ने चॉकलेट ट्रीट और दूसरे ने हैट चुराई थी.

मई, 2020ः यूक्रेन की राजधानी कीव में तैनात वकार अहमद नाम के एक पाकिस्तानी राजनयिक को एक स्थानीय यूक्रेनी कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद सेवा से हटा दिया गया था.

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम पर भी उनके लिव-इन पार्टनर ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. राजनयिक ने उन्मुक्ति के कारण उसे छोड़ दिया था.

बांग्लादेश स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के सहायक वीजा अधिकारी मोहम्मद मजहर खान को एक सिंडिकेट में उनकी भूमिका का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. सिंडिकेट असम और पश्चिम बंगाल सीमा के माध्यम से तस्करी करता था. जांच के दौरान उसके पास से बरामद दस्तावेजों से आतंकी समूह हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों के साथ उसके संबंध उजागर हुए.

एक अन्य पाकिस्तानी राजनयिक फरीना अरशदे बांग्लादेश में पाकिस्तान उच्चायोग में दूसरी सचिव थीं, उन पर आरोप लगाया गया था कि जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) के एक आतंकवादी इदरीस शेख ने आतंकवादी संगठन के साथ उनके संबंधों को स्वीकार किया था.

एक अन्य राजनयिक आमिर जुबैर सिद्दीकी 2009-2016 से श्रीलंका में पाकिस्तान दूतावास में वीजा काउंसिलर के रूप में कार्यरत थे, उन पर परमाणु प्रतिष्ठानों, रक्षा प्रतिष्ठानों, चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, बेंगलुरु में इजरायल के वाणिज्य दूतावास और भारतीय बंदरगाहों पर हमला करने की साजिश का आरोप लगाया गया था.

2001 में मोहम्मद अरशद चीमा नाम के एक पाकिस्तानी राजनयिक को काठमांडू पुलिस ने 16 किलो आरडीएक्स के साथ गिरफ्तार किया था. वह नेपाल के पाकिस्तान उच्चायोग में प्रथम सचिव था. यह भी कहा जाता है कि चीमा के आतंकवादियों के साथ संबंध थे.

पाकिस्तानी राजनयिकों की बिगड़ती छवि के कारण, संयुक्त राज्य प्रशासन ने मई 2018 और मई 2019 के बीच अनुमोदन के बिना वाशिंगटन डीसी के आसपास 25 मील के दायरे से आगे उनके आंदोलन पर प्रतिबंध लगा दिया था.

(एजेंसी इनपुट सहित)