युद्ध से विस्थापित बच्चों की मदद के लिए रूसी पत्रकार ने नीलाम कर दिया नोबेल शांति पुरस्कार
आवाज द वॉयस /वाशिंगटन
रूसी समाचार आउटलेट नोवाया गजेटा के प्रधान संपादक दिमित्री मुराटोव ने अपना नोबेल शांति पुरस्कार पदक नीलाम कर दिया. संयुक्त राज्य अमेरिका में इसकी नीलामी 103.5 मिलियन अमरीकी डालर में की गई.
नीलामी शुरू होने से पहले मुराटोव ने कहा कि जुटाए गए सभी पैसे पोलैंड, रूस, जर्मनी, मोल्दोवा, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य और हंगरी सहित यूक्रेनी शरणार्थियों की सेवा और समर्थन के लिए यूनिसेफ को सौंपे जाएंगे. मुराटोव ने यह पदक 2021 में जीता था. उन्होंने पदक की नीलामी से पहले ट्वीट कर इस बारे में जानकारी साझा की. उन्होंने बोली लगाने से पहले ही अपना मेडल यूनिसेफ को सौंप दिया था.
दिमित्री मुराटोव और मारिया रसा ने 2021 में नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रूप से जीता था. उन्हें यह सम्मान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के उनके प्रयासों के लिए दिया गया था.अपने समाचार आउटलेट, नोवाया गजेटा को जबरन बंद करने के बावजूद, वह प्रभाव डालने के लिए अथक प्रयास करते रहे. हाल ही में बच्चों को जीवन रक्षक दवाएं देने वाले चौरिटी के साथ जुड़ गए थे.
अब, वह सभी से युद्ध से विस्थापित हुए यूक्रेन के बच्चों की मदद के लिए अभियान चला रहे हैं.द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूक्रेनी शरणार्थी संकट में हैं. यूरोप में भी शरणार्थी संकट में हैं. 24 मई तक, संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 6.6 मिलियन शरणार्थी यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
3.5 मिलियन से अधिक पोलैंड भाग गए. इसी तरह लगभग 1 मिलियन से अधिक रोमानिया, 1 मिलियन रूस में शरण लिए हुए हैं. हंगरी, मोल्दोवा और स्लोवाकिया में बड़ी संख्या शरणार्थी खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि कम से कम दो दर्जन से अधिक देशों में 10,000 से अधिक शरणार्थी हैं. यूक्रेन के भीतर लाखों और विस्थापित हुए हैं, सभी को भोजन, आश्रय और अन्य बुनियादी जरूरतों की जरूरत है. माना जाता है कि कुल मिलाकर 14 मिलियन लोगों ने अपने घरों से भागकर अन्य जगहों पर शरण ली हुई है.