रूस-यूक्रेन युद्ध: रूसी बमबारी से कीव की इकलौती अर रहमा मस्जिद पर छाया खतरे के बादल
मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सैन्य कार्रवाई से तकरीबन 22 वर्ष पुरानी यहां की इकलौती अर रहमान मस्जिद पर खतरे के बादल छाये हुए हैं. हालाकि अब तक की बमबारी में मस्जिद को कोई नुक्सान नहीं पहुंचा है, पर आसपास की बिल्डिंगांे पर रूसी मिसाइल दागे जाने से मस्जिद के लिए अवश्य खतरा बढ़ गया है.
3200 स्क्वायर मीटर में फैली यह मस्जिद यहां रह रहे सुन्नी मुसलमानों के लिए नमाज का यही इकलौता ठिकाना है. बताते हैं कि रह-रह कर रूसी हमले होने से यहां के लोग इतने भयभीत हो गए कि तकरीबन पूरा शहर खाली हो गया है.
रूसी सेना की ओर से भी यहां के शहरियों को कीव शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई है. इसके बाद से मस्जिद विरान पड़ी है. इस मस्जिद में एक साथ 3000 लोग नमाज पढ़ सकते हैं, पर युद्ध के भय से यहां अब अजान देने वाला भी कोई नहीं.
इतिहास
इस मस्जिद का नाम अगर अंग्रेजी में अनुवाद किया जाए तो इसका मतलब मर्सी मस्जिद है. इसका निर्माण 20वीं सदी के अंतिम पांच वर्षों में किया गया,जो 1996 और 2000 के बीच है. यह यूक्रेन की राजधानी में स्थित है. मस्जिद शहर के भीतर नहीं बनाई गई है,
बल्कि तुतारस नामक पास के क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लिए मस्जिद बनाने का प्रयास 1991 में किया गया था. माना जाता है कि यह कीव के मुसलमानों के लिए एक स्थायी स्थान रखने का सबसे शुभ अवसर है. जहां वे अपने सभी धार्मिक संस्कार स्वतंत्र रूप से करते रहे हैं.
धनाभाव और निर्माण
मस्जिद का निर्माण कीव में रहने वाले मुसलमानों द्वारा दान किए गए धन से किया गया है. इसका निर्माण कई चरणों में किया गया, क्योंकि धन की उपलब्धि में कठिनाई आई. मस्जिद का पहला हिस्सा निर्माण के बाद 1998 में खोला गया. तब लोग ईद, बकरीद और जुमे की नमाज ही पढ़ने आते थे. मस्जिद को अंततः दैनिक नमाज के लिए तब खोला गया जब इसका निर्माण मुकम्मल हो गया. यानी 2000 में.
शहरी वास्तुकला
कीव की स्थानीय सरकार ने मुस्लिम समुदाय संघ के अनुरोध पर एक विशेष आदेश पारित किया, जिसमें मस्जिद के लिए भूमि आवंटित की गई. ताकि मुस्लिम समुदाय स्वतंत्र रूप से अपने विश्वास के अनुसार प्रार्थना करने के अधिकार का प्रयोग कर सके.
चूंकि यह आदेश फरवरी 1996 में पारित किया गया, इसलिए निर्माण प्रक्रिया इस तिथि के बाद शुरू हुई. मस्जिद पहाड़ की चोटी पर स्थित है और खूबसूरत पत्थरों से तैयार की गई है. गुंबद बेहद खूबसूरत है.
इकलौती मस्जिद
यूक्रेन की आबादी करीब 30 लाख है. यूक्रेन की राजधानी कीव में करीब 70,000 मुसलमान रहते हैं. मुस्लिम समाज ने 1897 में मुसलमानों के लिए एक स्थायी स्थान बनाने के लिए अपना पहला प्रयास किया जहां वे प्रार्थना और अन्य संस्कार कर सकें. मगर तमाम प्रयासों के बावजूद यूक्रेन का मुस्लिम संघ सरकार से केवल एक मस्जिद की जगह हासिल करने में सफल हो सकता. आज वहां अर रहमान मस्जिद खड़ी है. निर्माण की आधिकारिक अनुमति 1996 के अंत में दी गई थी.
धार्मिक सद्भाव
हाल के दिनों में सभी धर्मों के बीच बहुत अधिक धार्मिक सहिष्णुता विकसित हुई है जो न केवल मुसलमानों के बीच बल्कि विभिन्न मान्यताओं के बीच भी सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा संकेत है. मस्जिद में एक गुंबद भी है, लेकिन इस गुंबद का विवरण उपलब्ध नहीं है.
नोटः अब रोजाना पढ़िए यूक्रेन के मुस्लिम समुदाय के रहन-सहन के बारे में.