अमेरिका की लोकतंत्र शिखर बैठक का रूस और चीन ने किया विरोध

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
अमेरिका की लोकतंत्र शिखर बैठक का रूस और चीन ने किया विरोध
अमेरिका की लोकतंत्र शिखर बैठक का रूस और चीन ने किया विरोध

 

बीजिंग. अमेरिका स्थित चीनी राजदूत छिनकांग और रूसी राजदूत ए. अंटोनोव ने संयुक्त रूप से आलेख लिखकर कहा कि अमेरिका में आयोजित होने वाली तथाकथित लोकतंत्र शिखर बैठक शीतयुद्ध के विचारों से भरी है . चीन और रूस इसका कड़ा विरोध करते हैं.

विभिन्न देशों की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करो नामक आलेख में मूल्यदर्शन की कूटनीति के तहत विभाजन व मुकाबले का उकसावा बंद करने की अपील की गयी . इस आलेख में विभिन्न देशों से पारस्परिक सम्मान, सहयोग व साझी जीत की अवधारणा का पालन कर विभिन्न सामाजिक व्यवस्था ,विभिन्न विचारधारा ,विभिन्न इतिहास व संस्कृति और विभिन्न विकास स्तर वाले देशों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व बढ़ाने की अपील भी की गयी.

इस आलेख में कहा गया कि अमेरिका ऑनलाइन आयोजित होने वाली लोकतंत्र शिखर बैठक में तय करेगा कि कौन इसमें भाग लेगा और कौन भाग नहीं ले सकेगा, कौन लोकतांत्रिक देश है और कौन लोकतांत्रिक नहीं है. यह शीतयुद्ध का विचार है.

आलेख में कहा गया कि शांति ,विकास ,निष्पक्षता ,न्याय और लोकतंत्र समग्र मानव का समान मूल्य है. लोकतंत्र कुछ गिने-चुने देशों का पेटेंट होने के बजाय विभिन्न देशों की जनता का अधिकार है. लोकतंत्र पूरा करने के अनेक तरीके हैं. लोकतंत्र का आंकलन करने वाला बुनियादी मापदंड यही है कि राष्ट्र शासन में जनता की व्यापक भागीदारी का अधिकार है या नहीं, जनता की अपील के प्रति जवाब मिलता है या नहीं, जनता को अधिक अधिकार हासिल होंगे कि नहीं.