रिपोर्ट : कोरोना के कारण बाल श्रमिकों में आया भारी उछाल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-06-2021
रिपोर्ट : कोरोना के कारण बाल श्रमिकों में आया भारी उछाल
रिपोर्ट : कोरोना के कारण बाल श्रमिकों में आया भारी उछाल

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
   
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को खुलासा किया कि दुनिया में दो दशकों में पहली बार बाल श्रम में वृद्धि हुई है. लाखों बच्चे कोरोना संकट से प्रभावित हुए हैं. और यह खतरा अभी टला नहीं. 2022 में स्थिति और गंभीर हो सकती है.

फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 की शुरुआत तक बाल श्रमिकों की संख्या 160 मिलियन तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 160 मिलियन से अधिक है. चार साल में 84 मिलियन बच्चों की वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार, इस संख्या में वृद्धि महामारी से पहले शुरू हो गई थी. इससे पहले प्रवृत्ति में नाटकीय रूप से कमी आई थी. बाल मजदूरों की संख्या 2000 से 2016 के बीच गिरकर 94 मिलियन हो गई थी.जैसे ही कोरोना संकट बढ़ा, दुनिया भर में 10 में से एक बच्चा बाल श्रम में फंस गया. अफ्रीकी क्षेत्र में सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति है.

दोनों एजेंसियों की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, बाल श्रम की दर 2016 की तरह ही है, लेकिन जनसंख्या में वृद्धि का मतलब है कि उनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है. महामारी का खतरा बढ़ रहा है.

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर तेजी से बढ़ते गरीब परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए कुछ नहीं किया गया, तो अगले दो वर्षों में और 5 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर होंगे. यूनिसेफ प्रमुख हेनरीटा फोर ने कहा, ‘‘हम बाल श्रम को खत्म करने की लड़ाई हार रहे हैं.‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना संकट ने स्थिति को और खराब कर दिया है.‘‘

उन्होंने कहा,‘‘वैश्विक स्तर पर, परिवारों को वैश्विक तालाबंदी, स्कूल बंद होने, आर्थिक बाधाओं और सिकुड़ते राष्ट्रीय बजट के दूसरे वर्ष में दिल तोड़ने वाले विकल्प बनाने के लिए मजबूर किया जाता है.‘‘रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हाल में महामारी के कारण गरीबी का अनुमान बढ़ता है, तो 2022 के अंत तक 90 लाख और बच्चे बाल श्रम में धकेल दिए जाएंगे.

हालांकि, यूनिसेफ सांख्यिकीविद् क्लाउडिया कैपा के अनुसार, आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या पांच गुना अधिक हो सकती है.उन्होंने कहा, ‘‘अगर सामाजिक सुरक्षा को मौजूदा स्तरों से नीचे गिराते हैं, तो अगले साल के अंत तक बाल श्रम के शिकार बच्चों की संख्या बढ़कर 46 मिलियन हो सकती है.‘‘

हर चार साल में प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के कुल बाल श्रम का आधा हिस्सा पांच से 11 साल की उम्र के बीच है.