मालिक असगर हाशमी - मंजीत ठाकुर / नई दिल्ली
इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री डॉ. मोहम्मद महफूद ने कहा, ‘‘इंडोनेशिया के लोग राज्य की विचारधारा पंचसिला से बंधे हैं, पंचसिला इंडोनेशिया गणराज्य के राज्य के पांच बुनियादी सिद्धांत हैं, अर्थात् ईश्वर, मानवता, एकता, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय में विश्वास.’’ उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि धर्म, शांति का स्रोत होना चाहिए, न कि कलह, संघर्ष या हिंसा का कारण. धर्म को जोड़ने वाला उपकरण होना चाहिए, न कि विभाजनकारी उपकरण के लिए."
इंडोनेशिया और भारत में अंतर-धार्मिक शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका पर एक दिवसीय अंतर-विश्व सम्मेलन नई दिल्ली में भारत इस्लामी संस्कृति केंद्र में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया.
अपने मुख्य भाषण में इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री डॉ. मोहम्मद महफूद ने इंडोनेशिया में अंतर-धार्मिक शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने अपने देश में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सभी धर्मों द्वारा असहिष्णुता और भेदभाव की अस्वीकृति पर जोर दिया. संयोग से, इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है और भारत की मुस्लिम आबादी दुनिया की दूसरी सबसे सबसे बड़ी है.
डॉ महफूद ने कहा, ‘‘वास्तव में, उलेमा और अन्य धार्मिक नेता, इंडोनेशिया के इतिहास की शुरुआत के बाद से, औपनिवेशिक शक्तियों से आजादी हासिल करने के संघर्ष के समय से लेकर वर्तमान आधुनिक समय तक, इंडोनेशिया के सामंजस्यपूर्ण समाज के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब धार्मिक नेता बेहतर रहने की स्थिति और लोगों की समृद्धि की दिशा में विकास में सरकार की नीतियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.’’
इंडोनेशिया के प्रतिनिधियों में विभिन्न इस्लामी संगठनों के उलेमा के साथ-साथ देश के अन्य धर्मों के धार्मिक नेता शामिल हैं. दिन भर के सम्मेलन के दौरान पहला सत्र ‘इस्लामः निरंतरता और परिवर्तन’है. सम्मेलन के दूसरे सत्र में एक अंतर-धार्मिक समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को गले लगाने और अनुभव करने के मुद्दे पर विचार प्रस्तावित है.