इंदौर (मध्यप्रदेश)
दिल्ली में हुए लाल किला विस्फोट और ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ के खुलासे के बाद फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का मूल निवास महू कस्बे (इंदौर के पास) में होने की खबर ने पुलिस को सतर्क कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल धौज गांव में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसके 76 एकड़ में फैले परिसर को ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ और दिल्ली लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच में रखा गया है। विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों की गिरफ्तारी भी इसी सिलसिले में हुई है।
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार जवाद अहमद सिद्दीकी अल-फलाह विश्वविद्यालय के चांसलर और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एवं प्रबंध न्यासी हैं। यह विश्वविद्यालय दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है और इसका प्रबंधन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी।
कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, सिद्दीकी मूलतः महू के कायस्थ मोहल्ले के रहने वाले हैं। उनका परिवार लगभग दो दशक पहले महू छोड़कर चला गया था। महू से करीब 25 किलोमीटर दूर सेना के कुछ अहम संस्थान भी मौजूद हैं।
महू के कायस्थ मोहल्ले के फैयाज अहमद ने कहा कि सिद्दीकी बचपन में उनके पड़ोसी रहे हैं और उनके साथ खेला करते थे। उन्होंने बताया, “सिद्दीकी के पिता शहर काजी थे। उनके पिता का निधन कई साल पहले हो चुका है। सिद्दीकी ने महू को लगभग 20-21 साल पहले छोड़ा। उसके बाद हम उन्हें नहीं देख पाए और उनके बाद की जिंदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
फैयाज अहमद के अनुसार, महू में रहते समय सिद्दीकी शेयर बाजार से जुड़ी एक फर्म चलाते थे, लेकिन अचानक कस्बा छोड़कर चले गए और फर्म का कार्यालय बंद हो गया। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी का स्थानीय लोगों के साथ व्यवहार अच्छा था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) यांगचेन डोलकर भूटिया ने बताया, “हमें मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सिद्दीकी के महू के कथित मूल निवास की जानकारी मिली है। इस संबंध में जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सिद्दीकी के ‘महू कनेक्शन’ की पुष्टि के लिए स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियाँ संपर्क में हैं। साथ ही, बुजुर्गों से जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि युवा पीढ़ी उनके बारे में जानकारी नहीं रखती।
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को विस्फोटकों से लदी कार में हुए उच्च-तीव्रता वाले विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई घायल हुए। पुलवामा के डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी, जो अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थे, पर संदेह है कि वे आई20 कार चला रहे थे।
इस विस्फोट के कुछ ही घंटे बाद विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए। गिरफ्तार लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनई भी शामिल हैं, जो अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे।






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