बांग्लादेश दौराः मोदी बोले-22 वर्ष की उम्र में बांग्लोदश को लेकर सत्याग्रह में हुए थे शामिल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 26-03-2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 

ढाका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान वे बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम को याद करना नहीं भूले. उन्हांने कहा कि जब वह  20-22 वर्ष थे, तो उन्होंने भी इस सत्याग्राह में भाग लिया था.
 
एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा-‘‘मैं बांग्लादेश के भाइयों और बहनों को गर्व के साथ याद दिलाना चाहूंगा.’’ उन्हांने कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में शामिल होना उनके जीवन की पहली सियासी गतिविधि थी. तब वह और उनके साथियों ने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था.‘‘ उन्होंने बताया कि तब वह केवल 20-22 साल के धाकड़ युवा रहे होंगे.
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ढाका. बांग्लादेश दौरे के आज दूसरे दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यशोरेश्वरी काली मंदिर में माथा टेका और पूजा अर्चना की. इससे पहले उन्होंने काली माता को सोने का मुुकुट भेंट किया. उसके बाद जमीन पर बैठ कर पूजा-अर्चना में शामिल हुए. उनके इसके बाद बंग बंधू शेख मुजुबुर रहमान की मजार पर जाने का कार्यक्रम है. वह मतुआ समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे. इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल में रहते हैं. करीब 70 विधानसभा सीटांे पर उनका प्रभाव है. आज असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा में मतदान हो रहा है.
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ढाका (बांग्लादेश). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को देश के स्टार्ट-अप और इनोवेशन इकोसिस्टम में शामिल होने और भारत के उद्यमियों से मिलने के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया.

प्रधान मंत्री ने बांग्लादेश की 50 साल की मुक्ति के जश्न के दौरान एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों के 50 साल पूरे होने पर, मैं बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को भारत आने और अपने स्टार्ट-अप और इनोवेशन इकोसिस्टम में शामिल होने और अपने उद्यमियों से मिलने के लिए आमंत्रित करना चाहूंगा. हम उनसे कुछ सीख भी पाएंगे. और उन्हें हमसे कुछ सीखने का अवसर भी मिलेगा.”

पड़ोसी देश बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर आए मोदी ने बांग्लादेश के युवाओं के लिए स्वर्ण जयंती छात्रवृत्ति की भी घोषणा की. स्वर्ण जयंती फैलोशिप भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष दी जाने वाली एक शोध फेलोशिप है. यह युवा वैज्ञानिकों, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, इंजीनियरिंग, गणित, चिकित्सा और भौतिकी में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट शोध के लिए दी जाती है.

मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इसे ‘खुशहाल संयोग’ भी कहा कि बांग्लादेश की आजादी के 50 साल और भारत की आजादी के 75 साल एक साथ हुए हैं.

उन्होंने कहा, “हम दोनों के लिए, 21वीं सदी में अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है. हमारी विरासत और विकास साझा हैं.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं बांग्लादेश में भाइयों और बहनों को गर्व के साथ याद दिलाना चाहूंगा, बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन में सबसे पहले था. मेरी उम्र 20 से 22 साल की रही होगी, जब मैंने और मेरे साथियों ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह किया था.” उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान सेना ने यहां लोगों पर जो अत्याचार किए हैं, उनके चित्र हमें विचलित करते थे. कई दिनों तक उन तस्वीरों ने हमें सोने नहीं दिया.”

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में समान अवसर हैं, लेकिन साथ ही, दोनों देशों को आतंकवाद के खतरों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इस तरह के अमानवीय कृत्यों के पीछे के विचार और शक्तियां अभी भी सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश को ऐसी ताकतों का मुकाबला करने के लिए एकजुट रहना चाहिए.

प्रधान मंत्री मंत्री ने कहा, “आज, भारत और बांग्लादेश दोनों की सरकारें इस संवेदनशीलता को महसूस कर रही हैं और इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं. हमने दिखाया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर समाधान हो सकता है. हमारा भूमि सीमा समझौता भी इसका एक गवाह है.” उन्होंने कहा, “दोनों देशों के पास भविष्य को जोड़ने के लिए लोकतंत्र और दृष्टि की शक्ति है, जो इस क्षेत्र के लिए आवश्यक है कि भारत और बांग्लादेश एक साथ प्रगति करें.” प्रधानमंत्री ने कहा, “इसीलिए भारतीय और बांग्लादेशी सरकारें इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं.”

प्रधा मंत्री ने भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जो ‘मुक्तिजुधो’ में बांग्लादेश के भाइयों और बहनों के साथ खड़े थे.

बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “आज मैं भारतीय सेना के उन बहादुर सैनिकों को भी सलाम करता हूं, जो ‘मुक्तिजुधो’ में बांग्लादेश के भाइयों और बहनों के साथ खड़े थे. मुझे खुशी है कि कई भारतीय सैनिक बांग्लादेश मुक्ति में शामिल हुए. युद्ध आज इस घटना में मौजूद हैं.”

प्रधान मंत्री मोदी ने यह भी कहा, “भारत बहुत खुश है कि मेड इन इंडिया कोविड -19 वैक्सीन का उपयोग बांग्लादेश के हमारे भाइयों और बहनों द्वारा किया जा रहा है.ष्”

पीएम मोदी ने कहा, “कोविड के दौरान भी, दोनों देशों ने मिलकर काम किया है. हमने सार्क कोविड कोष को विकसित करने और मानव संसाधन के प्रशिक्षण में मदद की है. भारत को खुशी है कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके बांग्लादेश के हमारे भाइयों और बहनों द्वारा उपयोग किए जाते हैं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे, जो पिछले साल कोविड-19 के प्रकोप के बाद से किसी विदेशी देश का उनका पहला दौरा है.

ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने स्वागत किया.