थम्पू (भूटान)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमालयी देश भूटान के दो दिवसीय दौरे के दौरान भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के साथ विस्तृत चर्चाएँ कीं। इन चर्चाओं में ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक को सराहते हुए कहा कि इसमें दोनों देशों के बीच सभी प्रकार के संबंधों को कवर किया गया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
"भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। हमने ऊर्जा, क्षमता निर्माण, कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। भारत भूटान के विकास यात्रा में एक प्रमुख साझेदार होने पर गर्व महसूस करता है।"
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में भूटान में भगवान बुद्ध की पवित्र अवशेषों के प्रति लोगों की श्रद्धा से प्रभावित होने की बात साझा की और इसे दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक बताया।
"भारत से आए भगवान बुद्ध की पवित्र अवशेषों के प्रति भूटान में जो श्रद्धा दिखाई गई, उससे गहराई से प्रभावित हूं। यह हमारे लोगों के बीच स्थायी आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है, जो भगवान बुद्ध के शांति और सद्भाव संदेश में निहित है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के साथ पुनातसांगछु- II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया और इसे नई दिल्ली और थिम्पू के बीच दोस्ती का "स्थायी प्रतीक" बताया। उन्होंने लिखा,
"विकास को गति देना, मित्रता को गहरा करना और स्थिरता को बढ़ावा देना! ऊर्जा सहयोग भारत-भूटान साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। आज हमने पुनातसांगछु-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह हमारे देशों के बीच मित्रता का स्थायी प्रतीक है।"
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को भूटान की राजधानी थिम्पू पहुँचे और उनका भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग टोबगे ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी और ससम्मान स्वागत किया।






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