पीएम देउवा को जीता विश्वास मत, ओली 35 सांसदों और मंत्रियों ने दिया समर्थन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
शेरबहादुर देउवा ने ने विश्वास मत हासिल किया
शेरबहादुर देउवा ने ने विश्वास मत हासिल किया

 

काठमांडू. नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा ने आज नेपाल की संसद के प्रतिनिधि सभा में विश्वास का मत हासिल कर लिया है. संसद सत्र के पहले ही दिन देउवा ने विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव रखा था, जिस पर मतदान के बाद देउवा के पक्ष में 165 सांसदों ने मतदान किया. 271 सांसदों वाले प्रतिनिधि सभा में बहुमत के लिए 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता थी.

देउवा के पक्ष में मतदान करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी के 23 सांसदों ने पार्टी निर्देशन का उल्लंघन करते हुए देउवा के पक्ष में मतदान किया है.

इसी तरह ओली सरकार में सहयात्री रहे जनता समाजवादी पार्टी के 32 सांसदों ने भी देउवा के पक्ष में मतदान किया था.

मजे की बात यह है कि ओली के आखिरी समय में उनके मंत्रीमंडल में शामिल 10 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री तक ने देउवा को अपना विश्वास मत दिया है.

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के द्वारा दूसरी बार संसद विघटन कर मध्यावधि चुनाव करने की घोषणा की थी. जिसके खिलाफ में विपक्षी गठबन्धन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक इजलास ने ओली के निर्णय को खारिज करते हुए ना सिर्फ सं द को पुनर्जीवित कर दिया बल्कि 143 सांसदों के साथ सरकार बनाने का दावा करने वाले शेरबहादुर देउवा को 24 घंटे के भीतर सीधे सीधे प्रधानमंत्री नियुक्त करने और शपथग्रहण कराने के लिएराष्ट्रपति के नाम पर आदेश जारी कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देउवा को शपथग्रहण करवाया गया और कोर्ट के आदेश के तहत ही आज से संसद का सत्र भी शुरू कर दिया गया. संसद सत्र को पहले दिन ही देउवा ने विश्वास का मत हासिल कर लिया है. देउवा के विश्वास मत के साथ ही ओली की पार्टी औपचारिक रूप से विभाजित हो गई है.

संसद सत्र के शुरू होते ही आज ओली पक्ष में रहे एक सांसद ने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ओली पर स्वेच्छाचारिता का आरोप लगाते हुए पार्टी उपाध्यक्ष भीम रावल ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है.

सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले देउवा सरकार की कैबिनेट ने ओली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 11 देशों के राजदूत की नियुक्ति को रद्द कर दिया जबकि 9 देशों के राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय किया है. इतना ही नहीं संवैधानिक पदों पर नियुक्ति के लिए बने संवैधानिक परिषद संबंधी एक अध्यादेश को भी देउवा सरकार ने खारिज कर दिया है. जल्द ही ओली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए प्रदेशों के राज्यपालों को भी हटाने की तैयारी चल रही है.