पाकिस्तानियों को नए साल से भी कोई उम्मीद नहीं : सर्वे

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 29-12-2021
लाहौर
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नई दिल्ली. पाकिस्तान में आने वाले नए साल को लेकर उम्मीदें वैश्विक औसत से कम दर्ज की गई हैं. समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकला है. गैलप इंटरनेशनल द्वारा 'द ग्लोबल होप, हैप्पीनेस एंड इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी इंडेक्स सर्वे' किया गया है.


सर्वेक्षण में 41 देशों के कुल 41,560 उत्तरदाताओं ने भाग लिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में सर्वेक्षण गैलप पाकिस्तान द्वारा किया गया है.

 

सर्वेक्षण तीन प्रमुख कारकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसमें आशा, खुशी और आर्थिक आशावाद शामिल है.

 

हालांकि अधिकांश उत्तरदाताओं ने खुद को आशावादी और खुश बताया, मगर होप इंडेक्स और हैप्पीनेस इंडेक्स पर उनका स्कोर वैश्विक औसत से कम दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, पाकिस्तानियों ने आर्थिक आशावाद सूचकांक पर बेहतर प्रदर्शन दिखाया है.

 

उत्तरदाताओं से पूछा गया - "जहां तक आपका सवाल है, क्या आपको लगता है कि 2022 बेहतर होगा, बदतर होगा या 2021 जैसा ही होगा?"

 

सवाल के जवाब में, 43 फीसदी पाकिस्तानियों ने कहा कि वे 2022 के बारे में आशावादी हैं, 41 फीसदी ने कहा कि उनका मानना है कि 2022 2021 से भी बदतर होगा, और 9 फीसदी ने कहा कि यह 2021 के जैसा ही होगा. कम से कम 7 प्रतिशत को इस बारे में कुछ पता ही नहीं था कि या वे जवाब नहीं देना चाहते थे.

 

वैश्विक स्तर पर, 38 प्रतिशत ने कहा कि 2022 2021 से बेहतर होगा, 28 प्रतिशत ने कहा कि यह और भी बुरा होगा. इसके अलावा 27 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह 2021 जैसा ही होगा, जबकि 7 प्रतिशत ने कोई जवाब नहीं दिया.

 

गैलप पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक औसत आंकड़े के साथ पाकिस्तान के आंकड़े की तुलना करते हुए, पाकिस्तान की शुद्ध उम्मीद 10 फीसदी की वैश्विक शुद्ध उम्मीद की तुलना में दो फीसदी के साथ काफी कम दर्ज की गई है.

 

उत्तरदाताओं से पूछा गया कि क्या वे अपने जीवन के बारे में बहुत खुश हैं, केवल खुश हैं या दुखी हैं या फिर बहुत ज्यादा दुखी महसूस करते हैं?

 

इस सवाल के जवाब में, 38 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने कहा कि वे अपने जीवन के बारे में बहुत खुश हैं, 27 प्रतिशत ने कहा कि वे खुश हैं, 12 प्रतिशत ने कहा कि वे न तो खुश हैं और न ही दुखी हैं. 12 प्रतिशत ने कहा कि वह दुखी हैं और 11 प्रतिशत ने कहा कि वे बहुत दुखी हैं.

 

वैश्विक स्तर पर, 13 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने जीवन को लेकर बहुत खुश महसूस करते हैं. पाकिस्तान की शुद्ध रूप से खुशी लगभग वैश्विक आंकड़े के बराबर रही. हालांकि, 11 फीसदी पाकिस्तानियों ने कहा कि वे बहुत नाखुश हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर ऐसा सोचने वाले लोगों की संख्या 4 फीसदी दर्ज की गई है.