‘रेड लिस्ट’ में रखने पर पाकिस्तानी बौखलाए

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-08-2021
‘रेड लिस्ट’ में रखने पर पाकिस्तानी बौखलाए
‘रेड लिस्ट’ में रखने पर पाकिस्तानी बौखलाए

 

आवाज द वाॅयस/ इस्लामाकाद
   
पाकिस्तान को यात्रा प्रतिबंधों की रेड लिस्ट से नहीं हटाने और कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों को इससे बाहर करने के ब्रिटिश सरकार के फैसले से पड़ोसी देश बौखलाया हुआ है.
यूके द्वारा कल एक अपडेटेड रेड लिस्ट साझा की गई थी जिसमें पाकिस्तान को रेड लिस्ट से बाहर किए गए देशों की सूची में नहीं दिखाया गया.
 
जब रेड लिस्ट का मुद्दा सामने आया तो ब्रिटेन में रहने वाले पाकिस्तानियों सहित पाकिस्तान के विभिन्न सोशल मीडिया यूजर्स ने ब्रिटिश सरकार के फैसले की आलोचना की. अन्य तथ्यों का हवाला दिया और स्थिति में तत्काल सुधार की मांग की.
 
रेड लिस्ट पर ब्रिटिश सरकार के फैसले को पाकिस्तान में संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ‘राजनीतिक निर्णय‘ करा दिया है.मजारी ने ट्विटर पर  कहा, ‘ब्रिटिश सरकार द्वारा पाकिस्तान को रेड लिस्ट में रखना पूरी तरह से राजनीतिक फैसला है. ब्रिटिश सरकार कोरोना महामारी से वाकिफ है.
 
अपने ट्वीट में एक पाकिस्तानी प्रोफेसर के एक संदेश का हवाला देते हुए, उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा डेटा को अस्वीकार करने को ‘‘शाही अहंकार‘‘ के रूप में वर्णित किया.मजारी के ट्वीट पर कमेंट करने वाले कुछ यूजर्स ने जहां उनके रुख की तारीफ की और ब्रिटिश सरकार के फैसले की आलोचना की, वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पाकिस्तानी मंत्री से सवाल किया कि उनका विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है?
 
पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री से पहले, यूके में पाकिस्तान उच्चायोग ने भी इस मुद्दे को बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.गुरुवार को ब्रिटिश फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग ने कहा, ‘पाकिस्तान को रेड लिस्ट में डालने के फैसले से मैं निराश हूं.
 
लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग ने ट्विटर पर जारी एक प्रतिक्रिया में कहा, “ब्रिटिश मूल के हजारों पाकिस्तानियों और पाकिस्तानियों की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है. अफगानिस्तान से वापसी की प्रक्रिया के दौरान विदेशियों के लिए पाकिस्तान की व्यवस्था का जिक्र करते हुए कुछ यूजर्स ने ब्रिटिश फैसले पर नाराजगी जताते हुए लिखा, ‘हमने इस्लामाबाद में होटल खाली कर दिए, किसी कोरोना या क्वारंटाइन पीरियड की जांच नहीं की. ?
 
यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया या इंटरनेट यूजर्स ने रेड लिस्ट पर ब्रिटिश सरकार के फैसले की आलोचना की है.