पाक तालिबान संघर्ष विरामः विदेश मंत्री का पीएम पर हमला, बिलावल ने शहबाज सरकार को खींचा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 13-06-2022
बिलावल भुट्टो और शहबाज शरीफ
बिलावल भुट्टो और शहबाज शरीफ

 

इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा युद्धविराम की घोषणा पर, विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को शहबाज सरकार की खिंचाई की और तीन सदस्यीय समिति का गठन करके इस मुद्दे को संसद में उठाने का फैसला किया है.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार भुट्टो जरदारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति में कमर जमां कायरा, शेरी रहमान और फरहतुल्ला बाबर शामिल थे. प्रतिबंधित टीटीपी ने औपचारिक रूप से इस महीने काबुल में एक भव्य कबायली जिरगा के साथ दो दिनों की बातचीत के बाद पाकिस्तान के साथ अनिश्चितकालीन युद्धविराम की घोषणा की है, जिसमें किसी भी शांति में कटौती के लिए खैबर पख्तूनख्वा के साथ संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (फाटा) के विलय को उलटने की एक प्रमुख शर्त थी.

इस मुद्दे पर बातचीत के लिए संसद को सबसे अच्छा मंच मानते हुए, पीपीपी की बैठक में पूरे अभ्यास के उद्देश्य, इसके पीछे की ताकतों और वांछित उद्देश्यों के साथ-साथ देश में आतंकवाद के मुद्दे जैसे सवालों पर चर्चा की गई. अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें अफगान तालिबान और प्रतिबंधित टीटीपी शामिल थे.

पाकिस्तान ने लंबे समय से तालिबान का समर्थन किया है, यह सोचकर कि वह इस्लामाबाद की सुरक्षा को वरदान देगा, लेकिन वह देश के लिए जोखिम बन गया. अफगान तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, टीटीपी ने पाकिस्तान में 124 से अधिक आतंकवादी हमले  किए हैं.

पूर्व कोर कमांडर और फ्रंटियर कॉर्प्स के महानिरीक्षक (आईजी) सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल तारिक खान ने डॉन से बात करते हुए कहा, ‘‘अगर हमें उनसे बात करनी है, तो हमें केवल आत्मसमर्पण की शर्तों पर बातचीत करनी चाहिए.’’

उन्होंने आगे कहा कि फाटा के विलय को उलटने के बारे में टीटीपी की स्थिति केवल सवाल उठाती है कि एक आतंकवादी समूह पाकिस्तानी क्षेत्र के एक हिस्से पर शासन करने की मांग कैसे कर सकता है.

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने देश की प्रमुख जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस को सिविल सेवकों की नियुक्ति, पोस्टिंग और पदोन्नति से पहले उनकी स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया है.

यह निर्णय इसलिए आया है, क्योंकि देश राजनीतिक अस्थिरता में गहरा है और कई स्तरों पर भ्रष्टाचार है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (सीपीआई) 2019 में पाकिस्तान 180 देशों में से 120वें स्थान पर खिसक गया है. देश को शून्य से 100 के पैमाने पर 32 का स्कोर दिया गया था.

इस साल के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) से पता चलता है कि भ्रष्टाचार उन देशों में अधिक व्यापक है, जहां चुनावी अभियानों में स्वतंत्र रूप से ज्यादा धन प्रवाहित होता है और जहां सरकारें केवल धनी या अच्छी तरह से जुड़े व्यक्तियों की आवाज सुनती हैं.