लाहौर. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार अपने दिग्गज नेता नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी को आसान बनाने के लिए प्रासंगिक कानून बनाने पर विचार कर रही है. इसकी सूचना पाकिस्तानी मीडिया डॉन ने दी. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमएल-एन के नेता और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह पहले ही कह चुके हैं कि गठबंधन सरकार कुछ कानून में संशोधन कर सकती है, जो ृपनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शरीफ पर लगाए गए प्रतिबंध को खत्म करने में मदद करेंगे.
एक अंदरूनी सूत्र ने डॉन को बताया, संसद राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध हटा सकती है और अदालत इसे रद्द नहीं कर सकती. खास सूत्रों की मानें तो अगर इस कानून को संसद में लाया जाता है और अपनाया जाता है तो नवाज शरीफ को इसका काफी लाभ होगा.
अंदरूनी सूत्र ने कहा कि इस कानून की शुरूआत सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की याचिका के परिणाम से जुड़ी होगी, जिसमें शीर्ष अदालत में राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध को चुनौती दी गई है. इससे पहले, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने संकेत दिया था कि उनके पिता वापस आना चाहते हैं लेकिन उनकी वापसी में 'कुछ समस्याएं' आ रही है.
पिछले अप्रैल में शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएमएल-एन के कुछ नेता इस उम्मीद में है कि उनके नेता नवाज शरीफ अब जल्द ही उनके बीच होंगे. लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण वह वापसी नहीं कर पा रहे है. नवाज शरीफ के आम चुनावों से पहले पाकिस्तान लौटने की संभावना है, क्योंकि पीएमएल-एन के नेताओं को लगता है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दंगल को रोकने के लिए मैदान में उनकी मौजूदगी जरूरी है.
डॉन ने सूचना दी कि इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से हटाए गए पीटीआई अध्यक्ष की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, पीएमएल-एन का पूरा नेतृत्व इस बात पर एकमत है कि नवाज को चुनाव से पहले पाकिस्तान में रहने की जरूरत है, अगर पार्टी जीत हासिल करना चाहती है.