इस्लामाबाद. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने गुरुवार को लोक लेखा समिति (पीएसी) को सूचित किया कि देश को चालू महीने (मार्च) को कोविछ-19 की 45 मिलियन भारत निर्मित खुराकें प्राप्त होने वाली हैं
वह पीएसी की बैठक में चल रहे टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे रहे थे, जिसके अध्यक्ष राणा तनवीर हुसैन थे.
ख्वाजा ने समिति को सूचित किया कि अब तक लगभग 27.5 मिलियन लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया था, जिसमें फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता और बड़े नागरिक शामिल थे.
उन्होंने कहा कि संघीय कैबिनेट द्वारा निर्धारित प्राथमिकता के अनुसार, सबसे पहले फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन गठबंधन गावी (जीएवीआई) के साथ एक समझौते के तहत वैक्सीन की कुल 45 मिलियन खुराक प्राप्त होंगी और इस वर्ष जून तक कुल 16 मिलियन प्राप्त हो जाएगी. यहां यह बताना उचित है कि गावी एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो विकासशील देशों को टीके उपलब्ध कराने में मदद करती है. सितंबर 2020 में कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने के लिए इसने पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि मार्च के पहले सप्ताह में गावी से वैक्सीन आ जाएगा, लेकिन इसमें थोड़ा विलंब हुआ.
सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने सवाल किया कि यह कहां से आ रहा था. सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि भारत के सीरम संस्थान द्वारा निर्मित वैक्सीन को पाकिस्तान प्राप्त करेगा.
एमएनए राजा रियाज ने सचिव स्वास्थ्य से कहा कि सांसदों को पहले चरणों में टीका लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वे हर समय जनता के सामने आते थे. पीएसी के अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और राजा रियाज द्वारा उठाए गए बिंदु को आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश देशों में जनता के प्रोत्साहन और विश्वास निर्माण के लिए टीके लगाए गए थे.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी इसका पालन किया जाना चाहिए और राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और कानूनविदों को टीका के बारे में जनता के बीच अनिच्छा को समाप्त करने के लिए वैक्सीन की खुराक दी जानी चाहिए. समिति ने वैक्सीन की निजी उपलब्धता पर भी चर्चा की और सवाल किया कि निजी लैब्स को वैक्सीन कैसे मिलेगी. स्वास्थ्य सचिव ने समिति को सूचित किया कि इस तरह का कोई भी आयात अनुमोदन अभी तक नहीं दिया गया है क्योंकि इस संबंध में ड्रग नियामक प्राधिकरण पाकिस्तान को किसी ने भी आवेदन नहीं किया है.