पाकिस्तान: डिप्टी स्पीकर के खिलाफ असंवैधानिक कार्रवाई हो सकती है ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-04-2022
पाकिस्तान: डिप्टी स्पीकर के खिलाफ असंवैधानिक कार्रवाई हो सकती है ?
पाकिस्तान: डिप्टी स्पीकर के खिलाफ असंवैधानिक कार्रवाई हो सकती है ?

 

आवाज द वाॅयस /इस्लामाबाद

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 3अप्रैल को डिप्टी स्पीकर की भूमिका को असंवैधानिक घोषित करके नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है.अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर स्पीकर की रोलिंग में दिए गए कारण असंवैधानिक थे. उनकी कोई कानूनी स्थिति नहीं थी, इसलिए उन्हें शून्य घोषित किया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के रोल को रद्द कर दिया और 3अप्रैल के बाद प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सभी फैसलों को रद्द कर दिया.इस फैसले के बाद कुछ कानूनी विशेषज्ञों से बात की गई कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ?

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष हामिद खान के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस समय डिप्टी स्पीकर को रोल आउट करने को असंवैधानिक घोषित किया है.‘

उनके अनुसार विस्तृत निर्णय में यदि डिप्टी स्पीकर की कार्रवाई को संविधान का उल्लंघन करने की सीमा तक रखा गया और तख्तापलट की घोषणा नहीं की गई है, तो अनुच्छेद 6लागू नहीं होगा.

हामिद खान के अनुसार, ‘‘अनुच्छेद 6को संविधान के उल्लंघन के लिए लागू नहीं किया जा सकता. बहुत से लोग गलतियां करते हैं. अवैध कार्य किए जाते हैं. अनुच्छेद 6तभी होता है जब संविधान को निलंबित, निरस्त या उल्लंघन किया गया हो.‘‘ ‘

वरिष्ठ वकील शाह खरवार ने बताया कि स्पीकर या अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा,‘‘बहुत से लोग सोचते हैं कि अनुच्छेद 6इस पर लागू होता है क्योंकि उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है. लेकिन अनुच्छेद 6को लागू करने का एक तरीका है जो हर कोई नहीं कर सकता, पाकिस्तान मुकदमा चला सकता है.

उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है और यह विकल्प हमेशा विपक्ष के पास रहेगा.

शाह खरवार के अनुसार, संघीय सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला करती है जिन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है या इसे निलंबित कर दिया है. इस मुद्दे पर अनुच्छेद 6को कानूनी रूप से लागू किया जा सकता है या नहीं, संविधान का उल्लंघन या उल्लंघन करने पर अनुच्छेद 6 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है या नहीं, यह कुछ बहस का विषय है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि अगर कोई संविधान से विचलित होता है, तो अपवाद के बावजूद उसके फैसले को शून्य घोषित किया जा सकता है.