चीन के कर्ज-मकड़जाल में फंसा पाकिस्तान, 26 अरब का ब्याज चुकाया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-10-2021
बीआरआई के लिए चीन के कर्ज-मकड़जाल में फंसा पाकिस्तान
बीआरआई के लिए चीन के कर्ज-मकड़जाल में फंसा पाकिस्तान

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकारों की विफलता का खामियाजा अब देश और आम लोगों को चुकाना पड़ रहा है. पाकिस्तान  को वित्त वर्ष 2020-21 में एक परिपक्व ऋण चुकाने के लिए चीन को ब्याज लागत में 26 अरब रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा है. 
 
एक स्थानीय मीडिया की सूचना दी.
 
नए शोध के अनुसार, चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) ने कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) को ‘छिपे हुए ऋण’ से कुल 385 बिलियन अमरीकी डालर का नुकसान पहुंचाया है. यह निष्कर्ष, वर्जीनिया स्थित विलियम एंड मैरी कॉलेज में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय विकास अनुसंधान प्रयोगशाला ‘एडडाटा’ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हिस्सा हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त बाजार में एक प्रमुख स्थिति स्थापित करने के लिए सहायता के बजाय कर्ज का इस्तेमाल किया है.
 
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा शुक्रवार को वार्षिक वित्तीय विवरण जारी किया गया, जिसमें पता चला कि बैंक ने चीन-पाकिस्तान स्वैप व्यवस्था के तहत 4.5 बिलियन अमरीकी डालर या 30 बिलियन युआन व्यापार वित्त का दोहन किया.
 
अखबार ने वित्तीय विवरण का हवाला देते हुए बताया, ‘वर्ष के दौरान, तीन महीने से एक वर्ष की परिपक्वता बाल्टी के साथ रुपये के मुकाबले 20 अरब युआन की कुल सीमा को तीन साल की अवधि के लिए 30 अरब युआन तक बढ़ा दिया गया है. इन खरीदों का 30 जून तक पूरी तरह से उपयोग किया गया है.’
 
बयान में आगे कहा गया है कि बकाया राशि पर लगने वाला ब्याज 26.1 अरब रुपये था.
 
केंद्रीय बैंक ने कहा कि जून तक एक साल में 272 अरब रुपये की वृद्धि हुई, मुद्रा स्वैप मूल्य 476.6 अरब रुपये से बढ़कर 748.5 अरब रुपये हो गया.
 
अखबार ने आगे बताया कि पाकिस्तान चीनी व्यापार वित्त सुविधा का उपयोग करके विदेशी ऋण चुका रहा है.
 
विशेष रूप से, पाकिस्तान को 2018 में तीन साल के लिए सऊदी अरब से 6.2 बिलियन अमरीकी डालर का वित्तीय पैकेज प्राप्त हुआ था, जिसे सऊदी ने अपने कार्यक्रम से ष्आगेष् वापस लेने का दावा किया था, समाचार पत्र ने वित्त मंत्रालय की जानकारी का हवाला देते हुए बताया.
 
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने चीन से इतनी ही राशि का कर्ज लेकर सऊदी को कर्ज चुकाया था.