काबुल. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की मौजूदगी का दावा करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की टिप्पणी का जिक्र करते हुए तालिबान ने मंगलवार को पाकिस्तान से अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करने का आह्वान किया.
तालिबान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप बंद करने का आह्वान किया. स्टेनकजई ने कहा कि इस्लामिक अमीरात दावों का खंडन और निंदा करता है और वह किसी को भी अफगानिस्तान के प्रति इस तरह के बयान देने की अनुमति नहीं देगा.
विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे पर चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान अफगानिस्तान से संचालित होने वाले प्रमुख आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रमुख चिंता साझा करता है.’’
शरीफ के इस बयान पर इस्लामिक अमीरात और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की प्रतिक्रिया आई. करजई ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है और देश में पाकिस्तानी सरकार के तहत आतंकवादी पनाहगाह सक्रिय हैं और दशकों से अफगानिस्तान के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.