पाकिस्तान: शरीफ सरकार ने विदेश में रहने वाले 90 लाख पाकिस्तानियों से छीना मतदान का अधिकार
इस्लामाबाद. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल को हटाते हुए चुनाव संशोधन विधेयक 2022 पारित किया है. इसके साथ ही सरकार ने कम से कम 90 लाख विदेशी पाकिस्तानियों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया है.
संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी द्वारा विधेयक पेश किए जाने के बाद गुरुवार को विधेयक को नेशनल असेंबली से बहुमत से पारित कर दिया गया. संशोधन चुनाव अधिनियम 2017 में प्रस्तावित किया गया है, जिसे पहले संशोधित किया गया था और विदेशी पाकिस्तानियों को आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से मतदान करने का अधिकार दिया गया था.
संघीय कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा, "पीटीआई सरकार ने चुनाव द्वितीय संशोधन विधेयक 2021 के माध्यम से संशोधन किया था, जिसे उसने 17 नवंबर, 2021 को 32 अन्य विधानों के साथ नेशनल असेंबली के माध्यम से किया था."
उन्होंने कहा, "आज पेश किए गए विधेयक में उन संशोधनों से पहले की स्थिति में चुनाव अधिनियम 2017 को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करेगा."
नवीनतम स्वीकृत संशोधनों के अनुसार, चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 94, ईसीपी ऐसे मतदान की तकनीकी दक्षता, गोपनीयता, सुरक्षा और वित्तीय व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए उप-चुनावों में विदेशी पाकिस्तानी द्वारा मतदान के लिए पायलट प्रोजेक्ट का संचालन कर सकती है.
तरार ने कहा, "हमें केवल प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के बारे में चिंता है, क्योंकि पिछले आम चुनावों में एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में एक परिणाम संचरण प्रणाली (रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम) विफल रही थी."
हालांकि इस फैसले ने सरकार के उस कथित डर को भी उजागर किया है कि आने वाले चुनावों में विदेशी पाकिस्तानी उसके कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के पक्ष में मतदान करेंगे. इसलिए सरकार को अपने इस कथित डर को लेकर लिए गए फैसले पर व्यापक आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है.
हालांकि सरकार की ओर से यह कहते हुए इस धारणा को खारिज कर दिया गया है कि विधेयक को मंजूरी देने के पीछे की मंशा विदेशी पाकिस्तानियों पर लक्षित नहीं है.
तरार ने कहा, "विदेशी पाकिस्तानी देश की अनमोल संपत्ति हैं और सरकार उनके वोट का अधिकार छीनने में विश्वास नहीं करती है."
पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा ईवीएम का उपयोग परीक्षण के चरण में है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के साथ, देश के भीतर ईवीएम की उपयोगिता और उपयोग भी सरकार के लिए चिंता का विषय है.
संसद सत्र के दौरान विपक्षी पार्टी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के घोष बख्श मेहर ने कहा, "दुनिया भर में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है और पाकिस्तान को कम से कम इनका इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए. अगर पूरे देश में नहीं, तो कुछ क्षेत्रों में इनका इस्तेमाल करें."
ऐसा लगता है कि इमरान खान की ओर से अपने सरकार विरोधी लॉन्ग मार्च में जनता को आकर्षित करके जनता का दबाव बनाने में विफल रहने के बाद, सरकार चुनाव सुधारों में कुछ आवश्यक संशोधन करना चाहती है और जल्द चुनाव कराना चाहती है और यही मांग इमरान खान भी कर रहे हैं.