पाकिस्तान की लीपापोती शुरू, कहा अफगान राजदूत की बेटी के अपहरण का कोई मामला नहीं

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-07-2021
शेख राशिद
शेख राशिद

 

इस्लामाबाद. एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने मंगलवार को कहा कि अफगान राजदूत की बेटी के कथित अपहरण की जांच में अपहरण का कोई सबूत नहीं मिला है.

अफगान राजदूत की बेटी के अपहरण और टार्चर की घटना से दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से तनावपूर्ण हो गए हैं.

काबुल में लोगों ने अपहरण के विरोध में पाकिस्तानी दूतावास पर जोरदार प्रदर्शन भी किया है.

इसके बाद पाकिस्तान की इमरान सरकार बैकफुट पर है और उसने मामले पर अपनी पुरानी रवायतों के अनुसार लीपापोती शुरू कर दी है.

अफगान विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सिलसिला अलीखिल इस्लामाबाद में एक टैक्सी में सवार हुई थीं, तब उसका अपहरण कर लिया गया और कई घंटों तक उसे हिरासत में रखा गया. इस दौरान उसे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गंभीर रूप से टार्चर किया गया.”

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने उस समय एक बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि उस पर हमला किया गया था. इसलिए राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल और उनके परिवार की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी.

लेकिन मंगलवार को पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहानी पर संदेह जताया.

पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, “अपहरण का कोई मामला नहीं है.” उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं ने 700 घंटे के सीसीटीवी फुटेज देखे और 200 टैक्सियों की तलाशी ली.

उन्होंने कहा कि इस घटना का इस्तेमाल ‘हमारे देश को बदनाम करने’ के लिए किया जा रहा है.

उन्होंने सिलसिला अलीखिल को जांच में मदद करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, “पाकिस्तान इस मामले से पीछे नहीं हटेगा, भले ही उसके (दावे) और हमारे निष्कर्षों के बीच बहुत बड़ा अंतर है.”

अफगानिस्तान के राजदूत को रविवार को ‘सुरक्षा खतरों’ के कारण काबुल वापस बुला लिया गया था. इसके बाद इस्लामाबाद ने इस कदम को खेदजनक कहा था.

अब पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान से राजदूत को वापस बुलाने के निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की है.

काबुल ने इस्लामाबाद पर अफगान देहात में एक प्रमुख अभियान छेड़ने वाले तालिबान आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाया है, जबकि इस्लामाबाद का कहना है कि काबुल अपनी धरती से पाकिस्तान पर हमले शुरू करने वाले आतंकवादी समूहों से आंखें मूंद लेता है.

जैसा कि अफगानिस्तान में लड़ाई छिड़ गई, पिछले हफ्ते शब्दों की जंग छिड़ गई, अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पाकिस्तानी सेना पर ‘कुछ क्षेत्रों में तालिबान को करीबी हवाई सहायता’ प्रदान करने का आरोप लगाया.