आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
पाकिस्तान के शीर्ष जांच एजेंसी के प्रमुख मंगलवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और 26 /11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में चुप्पी साध गए. ये दोनों ही भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से हैं.
पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक, मोहसिन बट दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का साथ इंटरपोल महासभा में भाग लेने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आए हुए हैं. उनसे जब दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद को भारत को सौंपने के बारे में पूछा गया तो जवाब देने से इनकार कर दिया. दोनों आतंकवादियों के पाकिस्तान में शरण देने के सबूत हैं. बट ने इस बारे में पूछने पर कोई टिप्पणी नहीं की.
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की भारत में मौजूदगी, सीमा पार आतंकवाद को लेकर इस्लामाबाद-नई दिल्ली के बीच तनाव और हाल में संपन्न संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित कई वैश्विक मंचों पर कश्मीर का अंतरराष्ट्रीयकरण करने पड़ोसी देष के प्रयासों के बीच हुई है.
महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है और इसके कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए वर्ष में एक बार बैठक की जाती है.इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरपोल की सभा को संबोधित किया.
चार दिवसीय कार्यक्रम का समापन 21अक्टूबर को होगा. इसमें 195इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं, जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे.
भारत में लगभग 25वर्षों के अंतराल के बाद इंटरपोल महासभा की बैठक हो रही है. आखिरी बार 1997में सभा हुई थी.महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है, जिसमें 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और सालाना मिलते हैं.
प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व एक या कई प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है. इसमें आम तौर पर मंत्री, पुलिस प्रमुख, उनके इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ मंत्रालय के अधिकारी होते हैं.