इस्लामाबाद. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान पंजाब विधानसभा (एमपीए) के असंतुष्ट (अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले) सदस्यों से संबंधित एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए पीटीआई के 25 असंतुष्ट सदस्यों को पद से हटा (डी-सीटेड) दिया. बता दें कि डी-सीटेड का मतलब है कि विधायक या सांसद अपनी सीट खो चुके हैं, लेकिन फिलहाल वे अयोग्य नहीं ठहराए गए हैं. पीटीआई के ये असंतुष्ट विधायक इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी ने पंजाब विधानसभा अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही द्वारा भेजे गए रेफरेंस को स्वीकार करते हुए पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री के चुनाव में हमजा शहबाज को वोट देने वाले पीटीआई के असंतुष्टों के खिलाफ सर्वसम्मत फैसले की घोषणा की.
ईसीपी के फैसले से पाकिस्तान में राजनीतिक संकट और गहराने की संभावना है. ईसीपी ने फैसले में कहा, "एमपीए हमजा शहबाज के पक्ष में मतदान करके पार्टी से अलग हो गए." 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री पद के चुनाव में, पीएमएल-एन नेता हमजा शहबाज को 371 सदस्यों वाले सदन में आवश्यक संख्या 186 के मुकाबले 197 वोट मिले, जिसका अर्थ है कि पीटीआई असंतुष्टों का समर्थन उनकी जीत की कुंजी थी.
हमजा अब बहुमत खो देंगे, क्योंकि असंतुष्टों को हटा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 63 (ए) की व्याख्या के बाद फैसले को विशेष महत्व मिला है, जिसमें कहा गया है कि असंतुष्ट सांसदों के वोटों की गिनती नहीं की जा सकती है.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली ईसीपी पीठ ने मंगलवार को पीटीआई सांसदों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. असंतुष्टों ने तर्क दिया था कि चूंकि उन्हें संसदीय दल से कोई स्पष्ट नीतिगत दिशा-निर्देश नहीं मिला है, इसलिए किसी निर्देश के अभाव में पार्टी उनके खिलाफ आगे नहीं बढ़ सकती है.