पाकिस्तानः अल्पसंख्यकों ने ईसाई पादरियों पर हमले की निंदा की, शीघ्र न्याय की मांग

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 01-02-2022
पाकिस्तानः अल्पसंख्यकों ने ईसाई पादरियों पर हमले की निंदा की, शीघ्र न्याय की मांग
पाकिस्तानः अल्पसंख्यकों ने ईसाई पादरियों पर हमले की निंदा की, शीघ्र न्याय की मांग

 

ग्लासगो, यूके / पेशावर. अज्ञात हमलावरों ने इस रविवार को पाकिस्तान के पेशावर में दो ईसाई पादरियों पर हमला किया. जब वे चर्च से लौट रहे थे, तब उन्होंने दोनों को ले जा रही कार पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. ईसाई पादरी विलियम सिराज ने गोली लगने से दम तोड़ दिया और एक अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है. किसी ने भी शूटिंग की जिम्मेदारी नहीं ली है.

अल्पसंख्यक संस्थानों और विशेषज्ञों ने हमले की निंदा की है. जस्टिस फॉर माइनॉरिटी की प्रवक्ता यूके स्थित अनिला गुलजार ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों पर ये अत्याचार कब खत्म होंगे? और कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. मेरा मानना है कि ये हमलावर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के थे, जिन्होंने पादरियों को अंधाधुंध गोली मार दी थी. उनकी क्या गलती है? मैं इसकी निंदा करती हूं. हर कोई जानता है कि हिंदू, सिख और ईसाई समुदायों की एक हजार से अधिक लड़कियों को हर साल जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है. उनकी हत्या भी की जाती है. यह वास्तव में एक भयानक चीज है, जिसका सामना आज देश के अल्पसंख्यक कर रहे हैं.’

इस क्षेत्र में हाल के दिनों में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है. उनमें से ज्यादातर पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने दावा किया है.

गुलजार ने जोड़ा, ‘अल्पसंख्यकों का पाकिस्तान में कोई स्थान नहीं है. कोई भी आता है और उनके साथ वैसा ही व्यवहार करता है, जैसा वे चाहते हैं. उन्हें झूठे आरोपों के तहत फंसाया जाता है. उन्हें ईशनिंदा कानूनों के तहत भी फंसाया जाता है. पाकिस्तान में एक भी कानून नहीं है जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की रक्षा करता है.’

टीटीपी खुद को अफगान तालिबान से जोड़ता है. विशेषज्ञ अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चुप रहने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. पाकिस्तान में ईसाइयों के साथ ऐतिहासिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया, उन्हें हाशिए पर रखा गया और उन पर हमला किया गया.

2013 में, पेशावर में रविवार मास के बाद एक एंग्लिकन चर्च के बाहर आत्मघाती हमले में कम से कम 78 लोग मारे गए थे.