राकेश चौरासिया / रहीम यार खान-नई दिल्ली
बुधवार को पाकिस्तान के रहीम यार खान जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर भोंग शहर में एक हिंदू मंदिर पर उन्मादी भीड़ ने हमला कर दिया. पाकिस्तानी सांसद और हिंदू समुदाय के नेता रमेश कुमार वंकवानी ने घटना के वीडियो साझा किए. एक वीडियो में, भीड़ को मंदिर के बुनियादी ढांचे को नष्ट करते देखा जा सकता है. भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की और मूर्तियों और मंदिर के ढांचे को तोड़ दिया.
पाकिस्तान में विशेष समुदायों के प्रति द्वेष की स्थिति का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृहस्पतिवार की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एक स्थानीय मदरसा में पेशाब करने वाले नौ वर्षीय लड़के को जमानत दी गई थी. इससे स्थानीय लोग भड़क गए और लोग इस मंदिर में तोड़फोड़ करने लगे.
डॉन न्यूज ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि दारुल उलूम अरब तालीमुल कुरान के मौलवी हाफिज मुहम्मद इब्राहिम की शिकायत के आधार पर 24जुलाई को नाबालिग के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
सूत्रों ने कहा कि “कुछ हिंदू बुजुर्गों ने मदरसा प्रशासन से माफी मांगते हुए कहा कि आरोपी नाबालिग था और मानसिक रूप से विक्षिप्त था.”
इसके बाद, जब कुछ दिन पहले एक निचली अदालत ने उस नाबालिग को जमानत दे दी, तो बुधवार को कस्बे में कुछ लोगों ने जनता को उकसाया और विरोध में सभी दुकानों को बंद कर दिया.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें लोगों को क्लब और रॉड से मंदिर पर हमला करते और उसके कांच के दरवाजे, खिड़कियां, लाइट तोड़ते और छत के पंखे को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाया गया है.
You are free to go you temple? Watch this brazen attack on a temple in the broad daylight.
— Kapil Dev (@KDSindhi) August 4, 2021
Another bad day for #Hindus as Ganesh #Temple in Bhong city of Rahimyar Khan was attacked by miscreants. The beasts daringly live telecast the attack on Facebook: https://t.co/uVq8UYBkQB pic.twitter.com/SzGrtIxEzk
बर्बरता का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें पाकिस्तान के कई लोगों ने भी इसकी निंदा की है.
एक क्लिप में पुरुषों को संकरी गलियों से होते हुए मंदिर के खुले और पक्के परिसर में जाते हुए दिखाया गया है, जहां एक बड़ी भीड़, जिसमें ज्यादातर सलवार-कमीज पहने हुए युवक शामिल हैं, पहले ही इकट्ठी हो चुकी थी. दूसरी क्लिप में पुरुषों को लाठी से मूर्तियों को लात मारते और मंदिर के अंदर भागते हुए दिखाया गया है. ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित बर्बरता है, जिसमें आयोजकों द्वारा फेसबुक पर लाइव प्रसारण किया जा रहा था और कई लोगों को हाथ में कैमरों के साथ शूटिंग करते देखा गया है.
एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने कहा, “रहीम यार खान, पंजाब में गांव भोंग के गणेश मंदिर को तबाह कर दिया गया है. एक और दिन, पाकिस्तान में हिंदुओं पर एक और हमला.”
एक अन्य यूजर ने कहा, “कल, भीड़ ने नाबालिग लड़के के मुद्दे पर मंदिर में हंगामा किया, जिसने कथित तौर पर पेशाब किया था, लड़का मानसिक रूप से विकलांग बताया गया था. हिंदू समुदाय ने लड़के के लिए माफी मांगी - नौ साल के लड़के के खिलाफ मामला दर्ज किया. उन्होंने मंदिरों में तोड़फोड़ की, उनके विरुद्ध कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई.”
जिला पुलिस प्रवक्ता अहमद नवाज चीमा ने कहा कि अशांत इलाके में रेंजरों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु नदी और सिंध-पंजाब सीमा के करीब एक छोटा सा शहर भोंग में कई सोने के व्यापारी हैं, जो मूल रूप से घोटकी और डेहरकी (सिंध) के रहने वाले हैं.
अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सत्तारूढ़ पीटीआई सदस्य ने कहा कि वह इस मुद्दे के सामने आने के बाद से स्थानीय हिंदू समुदाय और भोंग के प्रभावशाली रईस परिवारों के संपर्क में थे.
रमेश कुमार बंकवानी ने बाद में ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की शुरुआती धीमी प्रतिक्रिया ने स्थिति और मंदिर को नुकसान पहुंचा दिया है.
हाल के वर्षों में, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल पर हमलों में वृद्धि हुई है. अपने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा पाकिस्तान को बार-बार समझाया जा रहा है.
पिछले साल दिसंबर में, स्थानीय मुस्लिम मौलवियों के नेतृत्व में सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में मंदिर को नष्ट कर दिया और आग लगा दी थी. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में हिंसक भीड़ को मंदिर की दीवारों और छत को तोड़ते हुए दिखाया गया है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अधिकार आयोग की एक हालिया रिपोर्ट में देश में सबसे प्रतिष्ठित हिंदू स्थलों की ‘निराशाजनक’ तस्वीर सामने आई है.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में देश के सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में पाकिस्तान में चार सर्वाधिक पूज्यनीय स्थलों में से दो के ‘क्षय और विस्मरण की सामान्य तस्वीर’ प्रस्तुत की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार का एक वैधानिक बोर्ड, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) अल्पसंख्यक समुदाय के प्राचीन और पवित्र स्थलों को संरक्षित रखने में विफल रहा है. डॉन ने सांविधिक बोर्ड ईटीपीबी का हवाला देते हुए बताया कि 365 मंदिरों में से केवल 13का प्रबंधन उसके द्वारा किया जा रहा था, जिसमें से 65 हिंदू समुदाय के पास छोड़ दिए गए और बाकी मंदिर उजड़ रहे हैं.
पाकिस्तान अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता रहा है, जो लक्षित हिंसा, सामूहिक हत्याओं, न्यायेतर हत्याओं, अपहरण, बलात्कार, इस्लाम में जबरन धर्मांतरण आदि के विभिन्न रूपों में प्रकट होता है, जिसमें पाकिस्तानी हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया और शिया निशाना बन जाते हैं.
इस साल की शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी 2020 की रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता ने पाकिस्तान में धार्मिक अभिव्यक्ति कों नीचे की ओर उजागर किया, विशेष रूप से ईशनिंदा कानूनों के रूप में, जिसके लिए सजा मृत्युदंड तक है.
इस घटना की भारत में अंतरराष्ट्रीय सूफी कारवां के प्रमुख और इस्लामिक विद्वान मौलाना मुफ्ती मंजूर जिया ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है. इमरान खान की सरकार की अकर्मण्य है, जो इस देश के अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ की घटना शर्मनाक है. यह बहुत ही निंदनीय कृत्य है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को इसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और मंदिर की मरम्मत के साथ इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
(एजेंसी इनपुट सहित)