पाकिस्तान ने दिया नया टारगेट और बोला, नहीं किया तो तालिबान से भरोसा उठ जाएगा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 10-01-2022
imran khan
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इस्लामाबाद. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान का मानना है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगान तालिबान के लिए एक ‘टेस्ट केस’ है, क्योंकि इस समूह से निपटने से काबुल की अंतरिम सरकार को अन्य आतंकवादियों संगठनों से निपटने के संबंध में दुनिया की नजर में अपनी साख स्थापित करने में मदद मिलेगी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, ‘हम तालिबान नेतृत्व से कह रहे हैं कि टीटीपी को टेस्ट केस के रूप में मानें.’

अधिकारी ने कहा, ‘अगर तालिबान पाकिस्तान की चिंताओं को दूर नहीं कर पाता है, तो उन पर और अल कायदा और ऐसे अन्य समूहों से संबंध खत्म करने के उनके वादे पर कौन भरोसा करेगा.’

पाकिस्तान और अंतरिम तालिबान सरकार के बीच घनिष्ठ संबंध हैं और पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां अफगान तालिबान नेतृत्व से अपनी चिंताओं को दूर करने की अपेक्षा की जाती है.

अधिकारी ने कहा, ‘अगर वे पाकिस्तान की चिंताओं को ध्यान में रखने में विफल रहते हैं तो यह अफगान तालिबान के लिए हानिकारक होगा.’ अधिकारी ने कहा कि एक वैश्विक समुदाय, विशेष रूप से पश्चिम के लोग पूछेंगे कि वे पाकिस्तान को संतुष्ट भी नहीं कर सकते हैं, तो वे दूसरे देशों की आतंकी चिंताओं को कैसे दूर करेंगे.’

यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब अंतरिम अफगान तालिबान सरकार ने टीटीपी मुद्दे से निपटने के लिए संघर्ष किया, कुछ ऐसा, जो इस्लामाबाद के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों को कमजोर कर सकता है, जो समूह का प्रमुख समर्थक है.

पाकिस्तान ने हाल ही में तालिबान सरकार के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए संगठन इस्लामिक सहयोग के विदेश मंत्रियों की एक असाधारण बैठक की भी मेजबानी की.

 

बदले में, पाकिस्तान को उम्मीद है कि तालिबान सरकार विशेष रूप से प्रतिबंधित टीटीपी के संबंध में उसकी चिंताओं का समाधान करेगी.