पाकिस्तान नई मुश्किल में घिरा, चीनी फर्म ने तत्काल मांगी 86 अरब की पेमेंट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
पाकिस्तान नई मुश्किल में घिरा, चीनी फर्म ने तत्काल मांगी 86 अरब की पेमेंट
पाकिस्तान नई मुश्किल में घिरा, चीनी फर्म ने तत्काल मांगी 86 अरब की पेमेंट

 

इस्लामाबाद. एक चीनी फर्म ने पाकिस्तान से तत्काल आधार पर 86 अरब रुपये से अधिक का भुगतान करने की मांग की है. बिजनेस रिकॉर्डर की रिपोर्ट के अनुसार, चीन हुआनेंग ने पाकिस्तान की सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी गारंटी (सीपीपीए-जी) को 30 दिनों के भीतर भुगतान न करने का नोटिस दिया है. कंपनी ने 15 जुलाई 2022 को लिखे पत्र में भुगतान की मांग की थी.

चीनी कंपनी के उपाध्यक्ष फैन जिंदा ने प्रबंध निदेशक, प्राइवेट पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड (पीपीआईबी) को लिखे पत्र में कहा कि हुआनेंग शेडोंग रुई और पाकिस्तान एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एचआरएस) के बीच हस्ताक्षरित गारंटी की धारा 1.5.1 के अनुसार  और पीपीआईबी 23 जनवरी, 2017 को, एचआरएस पाकिस्तान सरकार को पीपीआईबी के माध्यम से सीपीपीए-जी द्वारा 86 अरब रुपये से अधिक की बकाया राशि का भुगतान न करने के बारे में सूचित कर रहा है.

कंपनी ने सीपीपीए-जी को आगाह किया है कि यदि पत्र जमा करने के 30 दिनों के भीतर अतिदेय राशि का निपटान नहीं किया जाता है, तो उसके पास गारंटी के तहत पाकिस्तान सरकार से राशि की मांग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

बिजनेस रिकॉर्डर ने बताया कि एचआरएस के अनुसार, 14 जुलाई, 2022 तक ऊर्जा भुगतान और क्षमता भुगतान के कारण अतिदेय चालानों की कुल राशि 70,889,690,499 रुपये थी, साथ ही विलंबित भुगतान ब्याज से संबंधित अतिरिक्त राशि 15,387,545,709 रुपये थी. इस प्रकार, कुल अतिदेय राशि 86,277,236,208 रुपये है.’’

उपाध्यक्ष एचआरएस ने कहा, ‘‘86,277,236,208 रुपये की पूरी अतिदेय राशि का तत्काल आधार पर निपटारा करें.’’ उन्होंने चेतावनी दी कि अपर्याप्त कोयले के कारण बिजली संयंत्र के किसी भी बंद होने के परिणाम / क्षति सीपीपीए-जी को वहन करने की आवश्यकता होगी.

कंपनी ने अपना पत्र इस्लामाबाद में चीनी दूतावास, सीईपीसी प्राधिकरण के अध्यक्ष और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी साझा किया है.

पाकिस्तान भारी आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है और यह उम्मीद कर रहा है कि उसका सदाबहार सहयोगी चीन उसके बचाव में आएगा, हालांकि प्रख्यात अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बीजिंग से उम्मीदें बहुत गलत हैं.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश संबंध परिषद (सीएफआर), एक निकाय जो संप्रभु डिफॉल्ट जोखिम को ट्रैक करता है, ने हाल ही में श्रीलंका, यूक्रेन, रूस, वेनेजुएला, अर्जेंटीना, घाना, ट्यूनीशिया जैसे देशों के बराबर पाकिस्तान के स्कोरिंग को 10 (डिफॉल्ट होने की 50 प्रतिशत या उच्च संभावना का संकेत) रखा है. इनमें से कुछ देश पहले ही डिफॉल्ट कर चुके हैं.

इसके अलावा, नए सिरे से राजनीतिक अस्थिरता के बीच, फिच रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को पाकिस्तान के दृष्टिकोण को स्थिर से नकारात्मक कर दिया. एक बयान में, क्रेडिट रेटिंग इकाई ने ‘बी-’ पर दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा (एलटीएफसी) जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) की पुष्टि की.

फिच ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की ‘बी-’ रेटिंग आवर्ती बाहरी भेद्यता, एक संकीर्ण राजकोषीय राजस्व आधार और ‘बी’ माध्यिका की तुलना में कम शासन संकेतक स्कोर को दर्शाती है.’’ नए स्टाफ-स्तर के साथ बाहरी फंडिंग की स्थिति और तरलता में सुधार की संभावना है. यह कदम 2022 की शुरुआत से देश की बाहरी तरलता की स्थिति और वित्तपोषण की स्थिति में महत्वपूर्ण गिरावट को देखते हुए आया है.