पाकिस्तान 14 साल बाद भी नहीं सुलझा पाया बेनजीर भुट्टो की हत्या का रहस्य

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-12-2021
 बेनजीर भुट्टो
बेनजीर भुट्टो

 

नई दिल्ली. पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या रावलपिंडी के लियाकत बाग में कर दी गई थीजब वह एक चुनावी रैली को संबोधित कर रही थीं. 14 साल बीत जाने के बावजूद उनकी हत्या का रहस्य सुलझ नहीं पाया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि मामला अभी भी लाहौर हाईकोर्ट की रावलपिंडी बेंच में लंबित है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर हुए हमले में पार्टी के 20 कार्यकर्ता मारे गए और 71 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.


घटना के बाद से पुलिस संयुक्त जांच दल (जेआईटी)संघीय जांच एजेंसी (एफआईए)संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और स्कॉटलैंड यार्ड के साथ मिलकर मामले को सुलझाने के प्रयास में है. इस हाई-प्रोफाइल मामले में चार लोगों से पूछताछ की गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पूछताछ और जांच का कोई नतीजा नहीं निकलाक्योंकि भुट्टो परिवार ने विशेष आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) में मामले को आगे नहीं बढ़ाया.

इस मामले में कुल 12 चालान दाखिल किए गए, 355 पेशियां दर्ज की गईं, 10 जज बदले गए और 68 अभियोजन पक्ष के गवाहों समेत 141 गवाहों की गवाही हुई. इस मामले में सोलह लोगों को आरोपी बनाया गया थालेकिन उनमें से केवल आठ को ही गिरफ्तार किया गया था.

मुख्य आरोपी तालिबान कमांडर बैतुल्ला महसूद एक ड्रोन हमले में मारा गया. अन्य पांच आरोपी- नादिर खान उर्फ कारीनसरुल्लाअब्दुल्ला उर्फ सद्दामइकरामुल्ला और फैज मुहम्मद कास्कत भी अलग-अलग जगहों पर खुफिया एजेंसियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए.


 पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर की पहचान सईद ब्लैकेल के रूप में हुई, जिसकी विस्फोट में मौत हो गई. पुलिस ने पांच आरोपियों- ऐतजाज शाह, शेर जमां, राशिद अहमद, रफाकत और हसनैन गुल को गिरफ्तार किया है.


एफआईए ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ, शहर के पूर्व पुलिस अधिकारी (सीपीओ) सऊद अजीज और पुलिस अधीक्षक (एसपी) रावल खुर्रम शहजाद को भी मामले में आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, 31 अगस्त, 2017 को विशेष एटीसी के न्यायाधीश मुहम्मद असगर खान ने नौ साल बाद फैसला सुनाया, जिसमें पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया और अदालत में पेश न होने पर मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया. उनकी चल और अचल संपत्ति जब्त करने के अलावा उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.