पाकिस्तानः ‘पैगम्बर’ होने का दावा करने दी जाएगी फांसी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
पाकिस्तानः ‘पैगम्बर’ होने का दावा करने दी जाएगी फांसी
पाकिस्तानः ‘पैगम्बर’ होने का दावा करने दी जाएगी फांसी

 

पेशावर. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून और सजा का एक और विवादित मामला सामने आया है. पेशावर में एक आरोपी को उसी कानून के तहत मौत की सजा दी गई, जिस पर व्यापक रूप से आपत्ति और बहस हो रही है. आरोपी को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था, जब उसका पैगम्बर होने का दावा करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

पाकिस्तान में, ईशनिंदा कानूनों में गंभीर दंड का प्रावधान है. पूर्व में ईशनिंदा के आरोप में विभिन्न आरोपियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है.

खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की एक अदालत ने धर्म का अपमान करने के आरोपी एक शख्स को मौत की सजा सुनाई है और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में आरोपी को दो साल और जेल की सजा सुनाई गई. संदिग्ध को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था, जब उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से भविष्यवक्ता होने का दावा किया गया था.

आरोपी पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी (ईशनिंदा) और धारा 298 (धार्मिक भावनाओं का अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था. पेशावर (23दिसंबर) में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुहम्मद ताहिर औरंगजेब ने अपने संक्षिप्त फैसले में कहा कि आरोपी को धारा 295-सी के तहत मौत की सजा सुनाई गई और मौत की सजा सहित 100,000रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

अदालत ने फैसला सुनाया कि अगर दोषी ने समय पर एक लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरा तो उसकी कैद छह महीने के लिए बढ़ा दी जानी चाहिए.

अदालत ने फैसला सुनाया कि जब तक पेशावर उच्च न्यायालय ने फैसले को बरकरार नहीं रखा, तब तक मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए.

अदालत के आदेश ने पेशावर सेंट्रल जेल के अधीक्षक को फांसी के लिए आवश्यक कदम और संदर्भ तैयार करने और पेशावर उच्च न्यायालय को भेजने का निर्देश दिया. ताकि पेशावर हाईकोर्ट से फांसी की पुष्टि हो सके. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी के खिलाफ धारा 298के तहत लगे आरोप भी प्रमाणित हुए हैं जिसमें उसे दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. आरोपी को पिछले साल छह सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.

अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धर्म आयोग की 2020की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में लगभग 80लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में से लगभग आधे मौत की सजा या उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

वही रिपोर्ट के मुताबिक कुछ मामलों में कोर्ट पहुंचने से पहले ही गुस्साई भीड़ ने आरोपियों की हत्या कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक, 1990से 2020तक ईशनिंदा के आरोप में गुस्साई भीड़ ने 62लोगों की हत्या की है.

सामाजिक न्याय केंद्र धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करता है. संगठन द्वारा फरवरी 2021में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 1987से 2020तक 1855लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था.

साल 2020में सबसे ज्यादा 200मामले सामने आए. इन मामलों में नामजद आरोपियों में सत्तर फीसदी मुस्लिम थे.

रिपोर्ट के अनुसार, 20 प्रतिशत आरोपी अहमदी समुदाय के थे, 3 प्रतिशत से अधिक सिख धर्म के थे और 1 प्रतिशत हिंदू धर्म के थे जबकि 5 प्रतिशत अभियुक्तों की पहचान नहीं हो सकी थी.