पाकिस्तानी सेना ने 1971 में बंगलादेश में किया था जनसंहार: जेनोसाइड वॉच

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 05-02-2022
पाकिस्तानी सेना ने 1971 में बंगलादेश में किया था  जनसंहार: जेनोसाइड वॉच
पाकिस्तानी सेना ने 1971 में बंगलादेश में किया था जनसंहार: जेनोसाइड वॉच

 

नयी दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय संगठन जेनोसाइड वॉच ने 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बंगलादेश में बड़ी संख्या में बंगाली समुदाय के लोगों की हत्या किये जाने की घटना को जनसंहार घोषित किया है.

 
दुनियाभर में होने वाली जनसंहार की घटनाओं के खिलाफ काम करने वाले वाशगिटन डीसी स्थित इस संगठन ने 1971 में बंगलादेश में पाकिस्तानी सेना के बर्बर अत्याचार के 50 साल इसे जनसंहार घोषित किया है.
 
अंतराष्ट्रीय संगठन ने गुरुवार को कहा, जेनोसाइड वॉच बंगलादेश में 1971 में बंगाली समुदाय के लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा किये गये अपराधों को जनसंहार, मानवता के खिलाफ किया गया अपराध और युद्ध अपराध घोषित करता है.
 
संगठन का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने बंगलादेश में बंगाली समुदाय के लोगों की हत्या की, उन्हें जबरन दूसरे स्थान पर भेजा या बाहर निकाला, कैद किया, यातनायें दीं, बलात्कार किया, यौन हिंसा की, उत्पीड़न किया, अगवा किया और उन पर अन्य अमानवीय अत्याचार किये.
 
जेनोसाइड वॉच का कहना है कि इस बात के पक्के सबूत हैं कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में 1971 में बंगाली समुदाय के लोगों के खिलाफ किये गये अपराध व्यापक स्तर पर थे और इसे पाकिस्तानी सेना और रजाकर, अल बदर आदि अन्य संगठनों, जमात ए इस्लामी, निजाम ए इस्लाम तथा मुस्लिम लीग जैसे इस्लामिक राजनीतिक संगठनों से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त जनसंहार विशेषज्ञों के शोध से यह निष्क र्ष निकला है कि जिस प्रकार, स्तर और संगठनात्मक तरीके से पाकिस्तानी सेना ने इस घटना को अंजाम दिया वह यह दर्शाता है कि इसे पाकिस्तान की सरकार और सेना ने पूरी योजना और इरादे के साथ अंजाम दिया है. उनकी योजना बंगाली समुदाय और बंगाली हिंदू धार्मिक समूह के बड़े हिस्से को खत्म करने की थी.
 
जनसंहार मामलों के विशेषज्ञ और जेनोसाइड वॉच के संस्थापक ग्रेगरी स्टैनटन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से आग्रह किया है कि वह एक प्रस्ताव पारित करके 1971 की इस घटना को जनसंहार घोषित करे.
 
संगठन ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे बंगाली समुदाय के खिलाफ किये गये अत्याचारों को मान्यता दें तथा इस भयानक कृत्य को अंजाम देने उन लोगों के खिलाफ मामला चलायें, जो अभी जीवित हैं.
 
बंगलादेश की आजादी की लड़ाई में 1971 में जान गंवाने वाले प्रसिद्ध पत्रकार सिराजुद्दीन हुसैन के बेटे तौहिद रजा नूर ने दिसंबर में जेनोसाइड वॉज से आवेदन किया था कि बंगलादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा किये गये अत्याचारों को जनसंहार घोषित किया जाये.
 
तौहिद रजा हुसैन ने जेनोसाइड वॉच की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 1971 में किये गये अमानवीय अत्याचारों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर जनसंहार की मान्यता मिलना एक बड़ा कदम है.