लंदन. पाकिस्तान की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पार्टी के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले में स्थित हिंदुओं के मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है. ट्विटर पर जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि कुछ दिन पहले अहमदिया समुदाय के धार्मिक स्थल पर भी इसी तरह से हमला कर उसे अपवित्र किया गया था. ये हमला फैसलाबाद में हुआ था और इसके पीछे पाकिस्तान की कट्टरपंथी जमात का हाथ था.
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अल्ताफ हुसैन पिछले कई वर्षों से लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं. अपने बयान में उन्होंने कहा कि चरमपंथियों ने भोग गांव में बने हिंदुओं के गणेश मंदिर पर हमला किया. इन लोगों ने वहां रखी देवी दवताओं की मूर्तियों को जलाया. उन्होंने कहा कि इस तरक की घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
अल्ताफ हुसैन ने इस घटना को गैर इस्लामी और असंवैधानिक बताया है. उन्होंने सीधे तौर पर इसके पीछे पाकिस्तान की आर्मी का हाथ बताया है. अपने बयान में उन्होंने कहा है कि इस तरह के चरमपंथी गुटों को बनाने का काम पाकिस्तान की सेना करती है. इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी बराबर की हिस्सेदारी होती है. इस तरह के गुटों को केवल नफरत करना और नफरत भड़काना ही सिखाया जाता है. इसके अलावा इन्हें गैर इस्लामी धार्मिक स्थानों पर तोड़-फोड़ करने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है.
अल्ताफ ने कहा कि गैर इस्लामिक, अल्पसंख्य लोगों के लिए पाकिस्तान एक मौत की जगह बन गया है, जहां कोई सुरक्षित नहीं है. बुधवार को रहीम यार खान जिले में जिस हिंदू मंदिर पर चरमपंथियों ने हमला किया था उसका एक वीडियो पाकिस्तान के सांसद और हिंदू समुदाय के नेता राकेश कुमार वंकवानी ने शेयर भी किया है. इनमें से एक वीडियो में मंदिर पर हमला करने वाले वहां पर रखी चीजों को तोड़ रहे हैं.