पाकिस्तान और मुस्लिम उम्मा सियालकोट वारदात से बदनाम हुआः मुफ्ती तकी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मुफ्ती तकी उस्मानी (फाइल फोटो)
मुफ्ती तकी उस्मानी (फाइल फोटो)

 

कराची. प्रख्यात इस्लामी विद्वान मुफ्ती तकी उस्मानी ने शनिवार को सियालकोट में हुई घटना की निंदा की, जिसमें भीड़ ने श्रीलंका के एक कारखाना प्रबंधक की पीट-पीट कर हत्या कर दी और कहा कि इसने पाकिस्तान और मुस्लिम उम्माह को “अपमानित” किया है.

एक दिन पहले, सियालकोट के वजीराबाद रोड पर एक निजी कारखाने में प्रबंधक के रूप में काम कर रहे दीयावदानगे डॉन नंदश्री प्रियंता को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया और उनके शरीर को आग लगा दी.

सोशल मीडिया पर एक संदेश में, संघीय शरीयत न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि ईशनिंदा एक अत्यंत जघन्य अपराध है लेकिन इसे साबित करने के लिए समान रूप से मजबूत सबूत की आवश्यकता होती है.

मुफ्ती ताकी ने कहा, ‘उनके ऊपर आरोप लगाने और बर्बर और हराम तरीके से सजा देने का कोई औचित्य नहीं है.’

इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और शीर्ष सरकारी अधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं ने इस घटना की निंदा की है.

ट्विटर पर एक बयान में, पीएम इमरान खान ने घटना में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई का वादा किया.

160 वीडियो का विश्लेषण

अब तक की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, मुख्यमंत्री के विशेष सहायक हसन खरवार ने कहा कि कम से कम 118 लोगों को निर्मम हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने उस कारखाने के अन्य प्रबंधकों की मदद से हमले में कथित रूप से शामिल 13 ‘प्रमुख संदिग्धों’ की पहचान की है जहां घटना हुई थी. संदिग्धों को आगे की जांच के लिए एक अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.

खरवार ने कहा कि संदिग्धों को 160 वीडियो की मदद से गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 12 घंटे की फुटेज मिली थी.

उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार ने हत्या में शामिल सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमों का गठन किया है.

उन्होंने कहा कि जब पुलिस को घटना के संबंध में पहला फोन आया, तो श्रीलंकाई प्रबंधक की मौत हो चुकी थी.

प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस और नागरिक प्रशासन जांच को तार्किक अंत तक ले जाएगा.