इस्लामाबाद. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शहबाज को शुक्रवार को लाहौर विशेष अदालत ने पीकेआर 16 बिलियन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक अन्य संदिग्ध के साथ भगोड़ा अपराधी घोषित किया है. कोर्ट ने सुलेमान शहबाज की संपत्ति का ब्योरा भी मांगा.
पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया आउटलेट, द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, जिस मामले में विशेष अदालत ने संदिग्धों सुलेमान और ताहिर नकवी को भगोड़ा घोषित किया था, उसमें प्रधानमंत्री शहबाज और पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शाहबाज भी संदिग्ध हैं. कोर्ट ने मामले के संबंध में नकवी की संपत्ति का विवरण भी तलब किया. अदालत ने पीएम शहबाज शरीफ को अदालत के सामने पेश होने से एक बार की छूट दी, लेकिन उन्हें अगली सुनवाई में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा.
इसके अलावा, अदालत ने मामले में एक अन्य संदिग्ध मलिक मकसूद अहमद उर्फ ‘मकसूद चपरासी’ का मृत्यु प्रमाण पत्र भी तलब किया, जिसका पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में निधन हो गया था. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. दिसंबर 2021 में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने चीनी घोटाले में 16 अरब रुपये के शोधन में कथित संलिप्तता के लिए शहबाज और हमजा के खिलाफ विशेष अदालत में चालान पेश किया.
अदालत को सौंपी गई एफआईए रिपोर्ट के अनुसार, जांच दल ने ‘शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता लगाया, जिसके माध्यम से 2008-18 तक 16.3 अरब रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी. एफआईए ने 17,000 क्रेडिट लेनदेन के मनी ट्रेल की जांच की.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि राशि को ‘छिपे हुए खातों’ में रखा गया था और ‘व्यक्तिगत क्षमता में शहबाज को दिया गया था’. इस राशि (16 अरब पीकेआर) का चीनी कारोबार (शहबाज के परिवार) से कोई लेना-देना नहीं है.
एफआईए ने कहा था कि कथित तौर पर कम वेतन वाले कर्मचारियों के खातों से प्राप्त धन हुंडी/हवाला नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान के बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था, जो अंततः उनके परिवार के सदस्यों के लाभकारी उपयोग के लिए था.
एजेंसी ने कहा, ‘‘शरीफ समूह के ग्यारह कम वेतन वाले कर्मचारी, जिनके पास मुख्य आरोपी की ओर से धनशोधन की आय थी, धन शोधन की सुविधा के लिए दोषी पाए गए. शरीफ समूह के तीन अन्य सह-आरोपियों ने भी सक्रिय रूप से धन शोधन की सुविधा प्रदान की.’’