तालिबान को मनाने के लिए पाक एनएसए जाएंगे काबुल

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 07-01-2022
मोईद यूसुफ
मोईद यूसुफ

 

नई दिल्ली. पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ जल्द ही काबुल का दौरा करेंगे, क्योंकि दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा डूरंड रेखा पर तनाव बढ़ गया है. 

टोलो न्यूज की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

 

गुरुवार को इस्लामाबाद में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि डूरंड रेखा पर तनाव के बीच एनएसए यूसुफ अफगानिस्तान का दौरा करेंगे.

 

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पाकिस्तान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर की अध्यक्षता में अफगानिस्तान अंतर-मंत्रालयी समन्वय प्रकोष्ठ (एआईसीसी) की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया.

 

बयान में कहा गया है, एनएसए के नेतृत्व में पाकिस्तानी अधिकारियों का एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अफगानिस्तान का दौरा करेगा, ताकि सभी सहायता संबंधी संभावनाओं पर अफगान सरकार के साथ बातचीत की जा सके.

 

बैठक के दौरान एनएसए के दौरे की कोई तारीख घोषित नहीं की गई है. हालांकि एक अधिकारी ने पाकिस्तानी मीडिया को बताया कि यह दौरा संभवत: 17-18 जनवरी को होगा.

 

अधिकारी ने कहा, हम एक दो दिनों में प्रतिनिधिमंडल को अंतिम रूप देंगे और फिर तारीख तय करेंगे.

 

इस बीच, असद कैसर ने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान के लोगों को उनकी जरूरत के समय में नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता न केवल अफगान लोगों के लिए बल्कि पाकिस्तान को भी अधिक व्यापार और संपर्क के लिए मध्य एशियाई देशों तक पहुंच के मामले में भारी अवसर प्रदान करती है.

 

इस बीच, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों से बातचीत का आह्वान किया है.

 

हालांकि, गुरुवार को पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के निदेशक, मेजर जनरल जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा था कि डूरंड लाइन की बाड़ योजना के अनुसार जारी रहेगी. उन्होंने कहा था कि बाड़ लगाने का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है.

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ हफ्तों में सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आए हैं, जिसमें कथित तौर पर इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के लड़ाकों को डूरंड रेखा के साथ लगी बाड़ के एक हिस्से को उखाड़ते हुए देखा जा सकता है, जिसमें दावा किया गया है कि अफगान क्षेत्र के अंदर बाड़ लगाई गई थी.