हिजाब पर ईरान में कोहराम: ‘नैतिक पुलिस’ के विरोध में महिलाओं ने नकाब उतारे, चोटी काटी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 18-09-2022
हिजाब पर ईरान में कोहराम: महसा अमिनी की मौत पर ‘नैतिक पुलिस’ के विरोध में महिलाओं ने हिजाब उतारे, चोटी कोटी
हिजाब पर ईरान में कोहराम: महसा अमिनी की मौत पर ‘नैतिक पुलिस’ के विरोध में महिलाओं ने हिजाब उतारे, चोटी कोटी

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

भारत में शिक्षण संस्थानों में हिजाब-नकाब पहनने के सवाल पर जहां अदालतों में सुनवाई का दौर जारी है, वहीं ईरान में इस मुददे ने माहौल गरमा दिया है. हिजाब को सख्ती से लागू कराने वाली ‘नैतिक पुलिस’ के खिलाफ न केवल ईरानी महिलाएं सड़कांे पर हैं. सार्वजनिक स्थलों पर अपने नकाब उतार और सिर के बालों की चोटी काट कर विरोध जता रही हैं. 

सोशल मीडिया पर भी #Mahsa_Amini   ट्रेंड कर रहा है. इस टैग के साथ नकाब जलाने और सर के लंबे बाल काट कर आग के हवाले करने के वीडियो निरंतर ट्रेंड कर रहे हैं. रिपोर्ट लिखने तक 382 हजार ट्वीट किए जा चुके थे.
22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की मौत पर शनिवार को ईरानी महिलाओं द्वारा सार्वजनिक रूप से हिजाब उतारने के साथ पश्चिमी ईरान में विरोध प्रदर्शन किए गए. यह सिलसिला रविवार को भी बना रहा.
 
बताते हैं कि अमिनी को ईरान की ‘नैतिकता पुलिस’ ने इस लिए हिरासत मंे ले लिया था कि उसने हिजाब इस तरह पहने थे कि बाल नजर आ रहे थे. इसके बाद उसे नैतिक शिक्षा देने के लिए एक विशेष केंद्र में ले जाया जा रहा था. तभी कुछ लोगों ने पुलिस वैन पर हमला कर दिया.
विरोध प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इसमें प्रदर्शनकारियों को सरकार विरोधी नारे लगाते दिखाया गया है. इसी बीच तेहरान के एक अस्पताल में  22 वर्षीय महसा अमिनी की रहस्यमय मौत हो गई. इसके बाद प्रदर्शनकारी अमिनी के गृहनगर सक्केज में एकत्र होने लगे.
 
एक ईरानी पत्रकार और कार्यकर्ता मसीह अली नेजाद ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया और लिखा, ईरान-सक्केज की महिलाओं ने हिजाब पुलिस द्वारा 22 वर्षीय महसा अमिनी की हत्या करने के विरोध में  अपने सिर से स्कार्फ हटा दिए और नारा लगाया- तानाशाह को मौत! 
 
उन्होंने लिखा-ईरान में हिजाब हटाना दंडनीय अपराध में शुमार है. हम दुनिया भर के महिलाओं और पुरुषों से एकजुटता दिखाने का आह्वान करते हैं. ”
एक अन्य ट्वीट में मसीह अली नेजाद ने लिखा, यह असली ईरान है, ईरान के सक्केज में सुरक्षाबलों ने अमिनी को दफनाए जाने के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं.
कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. पहले हिजाब पुलिस ने 22 साल की लड़की की हत्या की. अब शोक संतप्त लोगों के खिलाफ बंदूक और आंसू गैस के गोले दागे. एक वीडियो में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेइ का उल्लेख करते हुए भीड़ चिल्लाती दिखाई दे रही है-तानाशाह की मौत.
 
इस बीच  कई महिलाओं ने अपने सिर से स्कार्फ हटा दिया. विरोध  राजधानी सानंदाज में भी फैल गया है. शनिवार देर रात तक प्रदर्शन होता रहा. सोशल मीडिया पर चल रहा है- सक्केज अकेला नहीं है, इसे सबका समर्थन प्राप्त है.
पीड़िता के भाई कैराश के मुताबिक, पुलिस वैन ने उसकी बहन का रास्ता रोका और उसका अपहरण कर लिया. जब कैराश ने अपनी बहन को ले जाने से रोकने की कोशिश की, तो पुलिस ने मारपीट की और उसका हाथ मोड़ दिया.
 
इस बीच उसे बताया गया कि महसा को पुलिस स्टेशन ले जाया जाएगा और एक घंटे की एजुकेशन क्लास के बाद रिहा कर दिया जाएगा. इसके बाद उसकी मौत की ही खबर आई.
 
हालांकि, हिजाब को लेकर भारत में इस तरह का मामला नहीं है. कर्नाटक की प्रदेश सरकार ने फरमान जारी किया है जिस स्कूल-कॉलेज में ड्रेस कोर्ड लागू है, वहां की मुस्लिम छात्राएं हिजाब या स्कॉर्फ पहनकर नहीं आ सकतीं.
 
बाद में सरकार के इस फैसले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी मुहर लगा दी. प्रतिबंध हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई छात्राओं की याचिका पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दौर चल रहा है.