पाकिस्तान में अब सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-02-2022
पाकिस्तान में अब सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी
पाकिस्तान में अब सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी

 

आवाज द वाॅयस नई दिल्ली

मीडिया पर अंकुश लगाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी में है. सरकार की गलत नीतियों से तबाही की ओर बढ़ते पाकिस्तान को लेकर जब मीडिया ने सरकार को अगाह करना शुरू किया तो उनपर कई तरह की बंदिशों लागू कर दी गईं.
 
हाल में एक न्यूज चैनल को बंद करने के आदेश दिए गए थे. जनता जब सोशल मीडिया पर सरकार की नाकामियों पर इमरान खान को घेर रही है तो उनपर भी बंदिश लगाने का खाका तैयार कर लिया गया है. बहना सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार को बनाया गया है.
   
संघीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि सोशल मीडिया पर गंदे अभियान चलाने वालों को अब डरना चाहिए.निजी टीवी चैनल जियो न्यूज से बात करते हुए सूचना मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री साझा करने वालों को बिना जमानत के गिरफ्तार किया जाएगा.
 
उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव किए जा रहे हैं जिसके बाद छह महीने के भीतर ऐसे मामलों का फैसला किया जाएगा.फवाद चैधरी ने कहा कि पाकिस्तान में हर कोई चाहता है कि सोशल मीडिया से जुड़े कानून बने. यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया पर केवल व्यक्तियों के खिलाफ पोस्ट करने या संस्थानों की आलोचना करने पर भी कार्रवाई होगी, उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व और संस्थानों दोनों के खिलाफ पोस्ट करने पर कार्रवाई की जाएगी.
 
इससे पहले, फवाद चौधरी ने कहा था कि पाकिस्तान में चुनाव के लिए आचार संहिता में बदलाव और सोशल मीडिया पर ‘‘लोगों का अपमान‘‘ करने के लिए इसे दंडनीय अपराध बनाने के लिए प्रस्तावित कानूनों को मंजूरी के लिए संघीय कैबिनेट में भेजा गया है.
 
उन्होंने एक ट्विटर संदेश में लिखा, ‘‘दो महत्वपूर्ण कानूनों को मंजूरी के लिए संघीय कैबिनेट को भेजा गया है.‘‘ पहले कानून के तहत सांसदों को चुनाव प्रचार में भाग लेने की इजाजत है, जबकि दूसरे कानून के तहत सोशल मीडिया पर लोगों का अपमान करना दंडनीय अपराध है.
 
फवाद चौधरी के अनुसार, नए नियम ‘‘अदालतों को छह महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए बाध्य करते हैं.‘‘ इससे पहले, स्थानीय मीडिया ने बताया कि संघीय सरकार ने संस्थानों की आलोचना को एक अहिंसक पुलिस अपराध बनाने का फैसला किया है.
 
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक क्राइम प्रिवेंशन एक्ट 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है.रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्ट में संशोधन के बाद न्यायपालिका, सेना और अन्य संस्थानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले अभियान चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन संस्थानों के आलोचकों को तीन से पांच साल तक दंडित करेगा.उनके मुताबिक, जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक क्राइम प्रिवेंशन एक्ट में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी किया जाएगा.