काठमांड. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का नकली प्रमाण पत्र दिखाने पर नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दो भारतीय पर्वतारोहियों पर 10साल का प्रतिबंध लगा दिया. दोनों पर्वतारोही किसी भी चोटी पर नहीं चढ़ सकते. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने नकली दस्तावेज दिखाकर कहा कि इन्होंने मई 2016में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी, जिसके बाद इनके खिलाफ ये कदम उठाया गया.
नरेंद्र सिंह यादव और सीमा रानी गोस्वामी ने दावा किया कि उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने का प्रयास किया था और नेपाल के पर्यटन विभाग से एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया था, जिसे बाद में कुछ लोगों द्वारा चुनौती दी गई थी, जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने यादव या गोस्वामी को माउंट एवरेस्ट की शीर्ष चोटी पर नहीं देखा था.यादव और गोस्वामी दोनों 15सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय टीम का हिस्सा थे.
टीम के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए दावे का हवाला देते हुए, कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने बताया कि यादव और गोस्वामी दोनों अपनी स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ने के बाद एवरेस्ट की चोटी पर नहीं पहुंच पाए थे.उनके खिलाफ नेपाल के पर्यटन विभाग में शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई थी.पर्यटन सचिव यादव कोइराला ने कहा, ‘‘जांच समिति द्वारा भेजे गए सुझावों के अनुसार, हमने उन पर नेपाल में 10साल तक किसी भी चोटी पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.‘‘
कोइराला ने कहा कि यह जांच के बाद पाया गया कि दोनों ने अपने झूठे दावे का समर्थन करने के लिए फोटोशॉप्ड तस्वीर प्रदान किए थे.यादव और गोस्वामी ही नहीं, अभियान दल के टीम लीडर, आयोजक और संपर्क अधिकारी को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.इससे पहले भी दो भारतीय पर्वतारोहियों दिनेश राठौर और तारा केशरी राठौर के प्रमाण पत्र माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का झूठा दावा करने के लिए रद्द कर दिए गए थे.