मुल्ला बरादर आया सामने, तालिबान नेतृत्व में दरार की खबरों को किया खारिज

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-09-2021
मुल्ला बरादर
मुल्ला बरादर

 

आवाज द वाॅयस / काबुल 
 
तालिबान ने नेतृत्व में गंभीर दरार और तर्कों की खबरों को खारिज कर दिया. इसके साथ कई दिनों से भूमिगत मुल्ला बरादर भी सामने आ गया. उसे बंधार से अपना वीडियो जारी किया है.कहा जा रहा था कि हक्कानी नेटवर्क और मुल्ला बरादर के बीच सत्ता में अधिक भागीदारी को लेकर टकराव चल रहा है.
 
इसके चलते हुई गोली में मुल्ला बराबदर घायल हो गया. बाद में उसका एक आॅडियो संदेश सामने आया कि वह ठीक है. इसके बाद कहा गया कि वह नाराज होकर कंधार चला गया है. अब अचानक वह बाहर आया है. उसने तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक की घटना को खारिज कर दिया.
 
तालिबान ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के पूर्व प्रमुख बरादर और तालिबान के एक अन्य वरिष्ठ व्यक्ति के बीच गोलीबारी की खबरों को फर्जी खबर और महज अफवाह करार देते हुए कहा कि ऐसी खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.
 
कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर मुत्ताकी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरिम सरकार में सत्ता के बंटवारे को लेकर तालिबान में कोई विभाजन नहीं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि तालिबान की चुनी हुई अंतरिम सरकार के भीतर कोई दरार नहीं है. आने वाले दिनों में जरूरत के अनुसार बदलाव किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ये समय की जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुसार होगा.
 
विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों के लिए नेताओं के चयन पर तालिबान रैंकों के भीतर आंतरिक विभाजन की लगातार अफवाहों के बीच तालिबान का यह बयान आया है.अफवाहें इस हद तक फैल गईं कि तालिबान नेता और अफगानिस्तान के उप प्रधान मंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को लिखित बयान जारी करना पड़ा, जिसमें कहा गया कि वह कंधार के लिए रवाना हो गए है और ठीक है.
 
हालांकि, बयान ने बरादर के कंधार के अचानक प्रस्थान पर और अधिक सवाल उठाए. इसके बाद इस तालिबान नेता को आॅडियो जारी करना पड़ा और संघर्ष में घायल होने की बात को खारिज किया.वैसे, बरादर को कई दिनों तक सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है.
 
वह तालिबान के अधिग्रहण के बाद काबुल में उतरने वाले पहले विदेशी गणमान्य व्यक्ति, कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी के साथ 12 सितंबर को काबुल में मिले तालिबान प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं था.
 
बताया गया कि बरादर और खलील-उर-रहमान हक्कानी, शरणार्थी मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख सदस्य, ने राष्ट्रपति भवन में एक बैठक के दौरान अफगानिस्तान के अधिग्रहण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले शब्दों का गर्म आदान-प्रदान किया था.कतर में स्थित तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने भी विवाद और गरमागरम बहस की रिपोर्ट की पुष्टि की है.सूत्रों ने कहा कि बरादर अंतरिम सरकार के चयन और संरचना से संतुष्ट नहीं हैं.