एमक्यूएम ने मोहाजिरों पर पाकिस्तानी अत्याचारों के खिलाफ व्हाइट हाउस पर किया प्रदर्शन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 08-11-2021
एमक्यूएम ने सिंधियों के लिए अलग देश की मांग की
एमक्यूएम ने सिंधियों के लिए अलग देश की मांग की

 

वाशिंगटन. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के कार्यकर्ताओं ने मोहाजिरों पर पाकिस्तानी शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन किया.

एमक्यूएम ने वाशिंगटन में संयुक्त राज्य अमेरिका से पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का विरोध करने की मांग की है, जो कराची में मुहाजिरों की कानूनी और निजी संपत्ति को ध्वस्त करने से संबंधित है. एमक्यूएम शीर्ष न्यायालय के आदेशों को पाकिस्तान सेना और उसके परिधीय अर्धसैनिक बलों द्वारा मुहाजिरों के खिलाफ जारी अत्याचार और सिंध को एक संघीय उपनिवेश बनाने के रूप में परिभाषित करता है.

एमक्यूएम ने सिंधियों के लिए अलग राष्ट्र की मांग की है. एमक्यूएम समर्थक व्हाइट हाउस के सामने जमा हो गए और आजादी के नारे लगा रहे थे और आजादी की मांग कर रहे थे.

एमक्यूएम केंद्रीय आयोजन समिति और संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न शहरों के विभिन्न अध्यायों के कार्यकर्ताओं ने अपने परिवारों के साथ स्वतंत्रता प्रदर्शन में भाग लिया. एमक्यूएम केंद्रीय समन्वय समिति के सदस्य रेहान इबादत और महफूज हैदरी ने भी विरोध रैली में भाग लिया.

कराची में नेस्ला टॉवर को उड़ाने के कोर्ट के क्रूर आदेश, अन्य मोहाजिर घरों और व्यवसायों को ध्वस्त करना, पाकिस्तानी सेना और उसके अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा मोहाजिरों और सिंधियों की न्यायेतर हत्याएं, जबरन गायब होना, सिंध को एक संघीय उपनिवेश के रूप में लेने की साजिश ऐसे मुद्दे हैं, जिनका एमक्यूएम और मुहाजिरों को सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने गरीब सिंधी युवक नाजिम जोखियो की बेहूदा हत्या की भी निंदा की.

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद की मोहाजिरों के खिलाफ सरासर पूर्वाग्रह के तहत शीर्ष अदालत का नेतृत्व करने के लिए निंदा की और उन्होंने ‘शेम ऑन यू चीफ जस्टिस शेम ऑन यू’ जैसे नारे लगाए.

उन्होंने सिंध में मुहाजिरों को बचाने के लिए बाइडेन प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की मांग की. उन्होंने मुहाजिरों के घरों को गिराने से रोकने के लिए कदम उठाने की भी मांग की.

उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष सिंधुदेश के लिए है. वक्ताओं ने बाइडेन प्रशासन से उनकी आजादी की आवाज सुनने और मानवता के नाम पर उत्पीड़ित राष्ट्रों की मदद करने का आह्वान किया.

उन्होंने सिंध में सिंधी युवक नाजिम जोखियो की बेहूदा हत्या पर मानवाधिकार संगठनों से इसका संज्ञान लेने की अपील की.

अंत में महफूज हैदरी, मतूल जैदी, आतिफ शमीम ने अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें विवरण साझा किया गया.