दीनी मदरसों में आधुनिक शिक्षा लाजिमी होः यूएस ग्रैंड मुफ्ती कमर अल-हसन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-07-2022
यूएस ग्रैंड मुफ्ती कमर अल-हसन
यूएस ग्रैंड मुफ्ती कमर अल-हसन

 

गौस सिवानी / नई दिल्ली

उत्तरी अमेरिका के ग्रैंड मुफ्ती और न्यायाधीश अल्लामा मुहम्मद कमर अल-हसन ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है, हिंसा का नहीं. उन्होंने मुसलमानों से इस्लाम की सही शिक्षाओं का पालन करने और इस्लाम की सही शिक्षाओं को अपने कार्यों के माध्यम से दुनिया के सामने पेश करने का आग्रह किया. दुनिया में लाखों मुसलमान हैं, लेकिन बहुत कम लोग इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करते हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक, ह्यूस्टन (यूएसए) में इस्लामिक सेंटर के एक भारतीय समाजशास्त्री मुफ्ती मुहम्मद कमरुल हसन ने मुस्लिम बच्चों को शिक्षित करने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि बच्चों को ज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए. उन्हें आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ धार्मिक ज्ञान भी प्राप्त करना चाहिए, ताकि वे इस्लाम के सही ज्ञान के कारण हिंसा और तोड़फोड़ से दूर रह सकें और अपने देश और दुनिया की भलाई के लिए काम कर सकें.

उन्होंने कहा कि जिन मुसलमानों को इस्लाम का सही ज्ञान नहीं है, वे हिंसा के शिकार हैं. ऐसे में मुस्लिम बच्चों को आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ इस्लाम की सही शिक्षा मिलनी चाहिए. इस्लाम के सही ज्ञान से ही हम हिंसा और तोड़फोड़ से बच सकते हैं.

साथ ही उन्होंने धार्मिक मदरसों के आधुनिकीकरण की वकालत की और कहा कि मदरसों में आधुनिक विज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए और कुछ धार्मिक मदरसे इस रास्ते पर बढ़ भी रहे हैं.

केरल के धार्मिक शिक्षण संस्थान अल-थकाफत-उल-सुन्नी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस संस्थान में पढ़ने वाले छात्र भी आधुनिक ज्ञान प्राप्त करते हैं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि भारतीय मुसलमानों की एक नई पीढ़ी के समानांतर जीवन जीने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को एक आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ एक धार्मिक शिक्षा भी मिले. वे आधुनिक शिक्षा के बिना दुनिया को नहीं समझ सकते.

मदरसों के आधुनिकीकरण की बात करते हुए उन्होंने धार्मिक मदरसों के बच्चों को भारत का संविधान भी सिखाने की सलाह दी. बच्चों को बताएं कि संविधान के अनुसार उनके क्या अधिकार हैं या देश के नागरिकों के क्या अधिकार हैं?

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान को पढ़ाने के लिए मदरसों में एक शिक्षक होना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि दुनिया में मुसलमानों की मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता क्या है, उन्होंने कहा कि इसका एक ही जवाब हैः

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अल्लाह ने कहा कि ‘अल्लाह उन लोगों को नहीं बदलता, जो खुद को बदलना नहीं चाहते.’ मुसलमानों को खुद को बदलना चाहिए और इस्लाम के सही सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. दुनिया में लाखों मुसलमान हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम इस्लामी सिद्धांतों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं.

अमेरिका के ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि मुसलमानों ने इस्लामी मूल्यों और शिक्षाओं को दुनिया के सामने पेश नहीं किया. इस्लाम ‘सलाम’ से बना है जिसका अर्थ है ‘शांति’. इस्लाम शांति और सद्भाव का धर्म है और एक सुंदर धर्म है.

आज की दुनिया में इस्लाम को हिंसा से जोड़ा जाता है, क्यों? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और सुरक्षा का धर्म है, हिंसा का नहीं. कुछ लोग इसका गलत अर्थ निकालते हैं, क्योंकि वे इसे अच्छी तरह से नहीं जानते हैं. वे ‘जिहाद’ के अर्थ की गलत व्याख्या भी करते हैं और इससे हिंसा का अर्थ लेते हैं. ऐसे लोग इस्लाम को बदनाम करने की साजिश करते हैं. मुसलमानों को अपने कर्मों से इस्लाम को स्पष्ट करना चाहिए और दुनिया के सामने इसकी सही व्याख्या पेश करनी चाहिए. अगर हम सही इस्लामी मूल्यों को दुनिया के सामने पेश करेंगे, तो संदेह दूर हो जाएंगे.