पाकिस्तान में भारी हिंसाः महंगाई के खिलाफ जनता दूसरे दिन भी सड़कों पर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-10-2021
पाकिस्तान में भारी हिंसा
पाकिस्तान में भारी हिंसा

 

मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
 
प्रधानमंत्री इमरान खान की गलत नीतियों और लंबे समय से इस देश के एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में बने रहने से पाकिस्तान की जनता पर छाए आर्थिक संकट का असर अब बहुत ज्यादा दिखने लगा है. इससे परेशान होकर पाकिस्तानी अवाम आज लगातार दूसरे दिन सड़कों पर है.
 
देशभर में धरना-प्रदर्शन का दौर चल रहा है. बड़ी-बड़ी रैलियां निकाली जा रही हैं. इस क्रम में अब तक पुलिस की झड़प में दो पुलिस कर्मियों की मौत हो चुकी है.लाहौर से खबर है कि टीएलपी ने दावा किया है कि उसके कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने मौत के घाट उतार दिया. कई लापता हैं.
 
महंगाई के खिलाफ शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया. पीडीएम और पीपीपी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विभिन्न शहरों में रैली की. प्रदर्शन किया. पीडीएम ने पीएम इमरान खान सरकार का अंतिम संस्कार जुलूस भी निकाला. कराची, लरकाना, सुक्कुर, जैकबाबाद, लाहौर, इस्लामाबाद, मुरी, कसूर, मोहमंद, जियारत, मिंगोरा और मुजफ्फराबाद समेत कई शहरों में विपक्ष सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
 
जमात-ए-इस्लामी ने एक दिन पहले पेशावर और आजाद कश्मीर में किया था.कौमी वतन पार्टी ने भी महंगाई के खिलाफ पेशावर में रैली निकाली. मुराद अली शाह ने कहा कि लोग घबराएं नहीं.इमरान ख्वाजा साद रफीक ने कहा कि पीटीआई ने फलते-फूलते पाकिस्तान को तबाह कर दिया है.राना सनाउल्लाह ने कहा कि सक्षम सरकार बनने पर ही लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है.
 
कराची में पीडीएम और पीपीपी ने विरोध प्रदर्शन किया. पीपीपी ने दाम वृद्धि के खिलाफ दाऊद चौरंगी के खिलाफ विरोध रैली निकाली. इस अवसर पर बोलते हुए सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने कहा कि अगर इमरान खान सत्ता में रहे तो देश बर्बाद हो जाएगा.
 
उन्हें घर भेज दिया जाना चाहिए. गरीब सामाजिक-आर्थिक नीतियों के कारण लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. रैली में सिंध कैबिनेट के सदस्य, सलाहकार, विशेष सहायक और मलिर के समन्वयक भी शामिल हुए. सिंध के मुख्यमंत्री ने कहा कि आटा, घी, सब्जी और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं और बुनियादी जरूरतों की कीमतों में इस हद तक वृद्धि की गई है कि लोग दिन में दो बार ही भोजन कर पा रहे हैं. 
 
मुराद अली शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले अपने भाषण में कहा था कि यदि डॉलर का मूल्य एक रुपये बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि शासक भ्रष्ट और चोर है. अब यह डॉलर के मुकाबले 50 रुपये से अधिक बढ़ गया है.
 
यह देश की जनता को तय करना है कि कौन भ्रष्ट है और कौन चोर. मुराद अली शाह ने कहा कि गरीब लोगों की दुर्दशा को देखते हुए सभापति बिलावल भुट्टो ने पार्टी से आग्रह किया है कि कीमतों में वृद्धि और शासकों की घटिया नीतियों के खिलाफ हर शहर में विरोध रैलियां करें ताकि सरकार की नीतियों का पर्दाफाश हो सके. 
 
जेयूआई-एफ ने महंगाई के खिलाफ महारानी बाजार सदर में धरना दिया. प्रदर्शन में पीडीएम से जुड़े दलों के कार्यकर्ता, नागरिक और व्यवसायी बड़ी संख्या में शामिल हुए. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के केंद्रीय नेता मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी ने कहा है कि  शासकों ने गरीबों के मुंह से खाना छीन लिया है.
 
विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और लोक कल्याण पर शासकों द्वारा किए गए सभी वादे झूठे साबित हुए. आज पूरा देश आईएमएफ के झांसे में आ गया है. साहिबजादा ओवैस नूरानी ने कहा कि इमरान खान सरकार ने खाना छीन लिया है.
 
डॉलर को लेकर एसबीपी के गवर्नर का बयान हास्यास्पद है. इमरानी सरकार के खिलाफ लोगों का आंदोलन शुरू हो गया है. युवाओं की छुट्टी तक जारी रहेगा. जेयूआई-एस के महासचिव मौलाना राशिद महमूद सुमरो ने कहा कि सरकार जनता की दुश्मन है, दिग्गज और अंतरिक्ष जीव आमने-सामने आ गए हैं.
 
निहाल हाशमी ने कहा कि डॉलर, चीनी चोर स्वीकार्य नहीं है.वोट का सम्मान करें.महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है.लोगों को उनके जीने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है. इस दौरान पीडीएम ने लाहौर के जैन मंदिर चौक पर धरना दिया गया. 
 
पीएमएल-एन नेता ख्वाजा साद रफीक और सरदार अयाज सादिक ने कहा कि पीटीआई ने फलते-फूलते पाकिस्तान को तबाह कर दिया है. साद रफीक ने कहा कि दैनिक जरूरत की सभी चीजें बहुत महंगी नहीं हुई हैं. पीएमएल-एन पंजाब के अध्यक्ष राणा सनाउल्लाह ने पंजाब में महंगाई के खिलाफ जनता के विरोध का नया शेड्यूल जारी किया है.
 
लाहौरः टीएलपी कार्यकर्ताओं की झड़प में दो पुलिसकर्मियों की मौत

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पुलिस ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के इस्लामाबाद की ओर अपने लंबे मार्च को रोकने के लिए गोलीबारी की.पुलिस की गोलीबारी में कई लोगों के घायल होने की खबर है. लाहौर पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार, झड़प में दो पुलिसकर्मी मारे गए.
 
जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार मृतकों में एक गवली मंडी थाने का हेड कांस्टेबल अयूब था, जबकि दूसरा मेयो गार्डन चौकी का सिपाही खालिद जावेद.उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की वाहन के नीचे कुचलकर हत्या कर दी गई. वहीं प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक ने भी अपने दो कार्यकर्ताओं की मौत का दावा किया है.
 
प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने शुक्रवार 22 अक्टूबर को लाहौर से इस्लामाबाद तक एक लंबे मार्च की घोषणा की थी. इसकी दो मुख्य मांगों में से एक फ्रांसीसी राजदूत का निर्वासन है. दूसरी पार्टी नेता साद रिजवी की रिहाई है.
 
दोपहर तीन बजे के बाद तहरीक-ए-लब्बैक ने सरकार के साथ वार्ता विफल होने की घोषणा के बाद स्कीम मूर से मार्च शुरू किया.ज्ञात हो कि तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ता तीन दिनों से स्कीम मोड़ स्थित अपने केंद्र की मस्जिद के बाहर धरना दे रहे हैं. पुलिस ने धरने के चारों ओर की सड़कों को घेर लिया है.
 
कार्यकर्ताओं ने कंटेनर हटा दिए और शाम करीब पांच बजे जीटी रोड की ओर कूच करने लगे. शुरू में पुलिस ने मार्च नहीं रोका, लेकिन जैसे ही वे एमएओ कॉलेज पहुंचे, उन्होंने पथराव शुरू कर दिया.प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक और पुलिस के बीच कई घंटों तक झड़प हुई और मार्च करने वालों ने एमएओ कॉलेज के सामने कंटेनर भी हटा दिए.
 
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के मुख्य प्रवक्ता सज्जाद सैफी ने बताया कि तहरीक मार्च के प्रतिभागियों पर दाता दरबार के पास पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसके परिणामस्वरूप हमारे कई कार्यकर्ता मारे गए. घायल.
सज्जाद सैफी ने कहा कि रेंजर्स और पुलिस द्वारा बल का सबसे खराब इस्तेमाल किया गया.
 
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और रेंजर्स घायल प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के प्रदर्शनकारियों के वाहनों के नीचे गिरने का आरोप निराधार है.
उधर, तहरीक-ए-लब्बैक द्वारा शुक्रवार की रात दाता दरबार से निकलने के बाद आयोजित लंबी मार्च को आजादी चौक के सामने मीनार-ए-पाकिस्तान पर रोक दिया गया.
 
तहरीक-ए-लब्बैक के सेंट्रल मजलिस-ए-शूरा द्वारा मंच से यह घोषणा की गई कि मार्च के प्रतिभागी रात को आजादी चौक पर बताएंगे और फज्र की नमाज के बाद गंतव्य की ओर अपनी यात्रा फिर से शुरू करेंगे.
दूसरी ओर इस्लामाबाद की ओर लंबे मार्च की घोषणा के बाद संघीय राजधानी और इसके जुड़ें शहर रावलपिंडी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
 
पुलिस और प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 6वीं रोड, शम्साबाद और फैजाबाद स्थित मुर्री रोड पर सड़कों को बंद कर दिया था.लाहौर के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद रही.