आवाज द वाॅयस / लाहौर/ इस्लामाबाद
प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने साधु की से मार्च फिर शुरू कर दिया. इस दौरान झड़प में दो रेंजर मारे गए. अब तक पांच पुलिसकर्मी मारे और 645से अधिक घायल हुए हैं.प्रशासन द्वारा जगह-जगह अवरोध लगाने से मार्च कुछ किलोमीटर ही चल सका.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव और तोड़फोड़ की. बढ़ते तनाव को देखते हुए गुजरांवाला, गुजरात, खारियान, सराय आलमगीर, झेलम और आसपास के क्षेत्रों में मोबाइल सेवा बंद कर दी गई. बड़ी संख्या में वाहनों को नुक्सान पहुंचाया गया है.
लाहौर में भी धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे कई जगहों पर यातायात बाधित होने से नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.मार्च को रोकने के लिए प्रशासन ने चिनाब नदी के आगे सड़क पर और भी खाइयां खोद दी हैं.
रावलपिंडी पुलिस ने मुरी रोड को सभी प्रकार के यातायात के लिए बंद कर दिया है, जबकि प्रदर्शनकारियों द्वारा 6पुलिस वैन के अपहरण की खबरें हैं. केंद्रीय गृह मंत्री शेख राशिद ने पंजाब में दो महीने के लिए रेंजरों को तैनात करने का फैसला किया है.
इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें सैन्य नेतृत्व ने भी भाग लिया.इमरान खान ने कहा कि विरोध की आड़ में पुलिसकर्मियों को मारना क्रूरता है.
गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि फ्रांस के राजदूत मौजूद नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों का एजेंडा कुछ और है. प्रतिबंधित टीएलपी का कहना है कि किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया. सरकार मामले को सुलझाने के बजाय और खराब कर रही है.
विवरण के अनुसार, प्रतिबंधित टीएलपी ने साधु की से अपना मार्च फिर से शुरू किया. झड़पें और हिंसक घटनाएं भी हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 2पुलिसकर्मी मारे गए,जबकि 100से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. घायलों को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले जाया गया.
अब तक घायल पुलिस कर्मियों की संख्या 645 हो गई है. साधुकी के पास प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच हुई झड़प में कसूर पुलिस के एएसआई अकबर की मौत हो गई, जबकि एसएच और थाना अध्यक्ष कसूर ताहिर खान सहित कई कर्मचारी मारे गए.
प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक प्रशासन के प्रतिरोध और सुरक्षा एजेंसियों के बीच झड़पों के कारण, लांग मार्च कल कुछ ही किलोमीटर की दूरी तय कर पाया था.इसके कमोंकी में पहुंचने पर वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई.
वहीं वजीराबाद में मार्च के चलते जीटी रोड के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मार्च को रोकने के लिए दर्जनों कंटेनर भी लगाए गए हैं.जफर अली खान चैक के बाद चिनाब के पास एक खाई खोदी गई. अल्लाह वाला चौक, हेड कादिराबाद और हेड खानकी के बाहरी रास्तों पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
हालांकि, प्रतिबंधित पार्टी के प्रवक्ता सद्दाम बुखारी ने दावा किया कि काफिले को रोकने के पुलिस प्रयासों के कारण उसके चार कार्यकर्ता मारे गए और 16गंभीर रूप घायल हैं. उसके कुल घायल कार्यकर्ताओं की संख्या 40से अधिक हो गई है. प्रवक्ता ने बताया कि वे रात भर कमोंकी में रुके. आज सुबह फिर अपने गंतव्य इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए.
प्रवक्ता ने आगे कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी मार्च करने वालों की हिरासत में नहीं था. कार्यकर्ताओं को साफ-साफ कहा गया था कि किसी भी पुलिसकर्मी से कुछ न कहें. वे हमारे भाई हैं.कंट्रोल रेंजर्स ने अपने कब्जे में ले लिया.
प्रधानमंत्री इमरान खान आदेश जारी किया है कि प्रदर्शनकारियों को किसी भी परिस्थिति में झेलम से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाए.फवाद चैधरी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में तय किया गया है कि राज्य का अधिकार बरकरार रखा जाए. राज्य के धैर्य की भी एक सीमा होती है.
फवाद चौधरी ने आगे कहा कि आईजी पंजाब पुलिस प्रतिबंधित टीएलपी के खिलाफ ऑपरेशन का विवरण देंगे. फवाद चौधरी ने अन्य राज्य संस्थानों से टीएलपी के संबंध में अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया.
सूचना मंत्री ने कहा कि टीएलपी प्रतिबंधित संगठन और उग्रवादी समूह है. उन्होंने पाकिस्तान ने अल-कायदा जैसे संगठन को हरा दिया है. इसे भी नियंत्रित किया जाएगा.फवाद चौधरी ने कहा कि दो दिन में 5 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं, साधु की में 27 कलाश्निकोव के साथ प्रदर्शनकारी शामिल हुए. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि आंदोलन को आतंकी संगठन की तरह माना जाएगा.