नेपाल में 4.1 तीव्रता का भूकंप

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2022
नेपाल में 4.1 तीव्रता का भूकंप
नेपाल में 4.1 तीव्रता का भूकंप

 

आवाज द वॉयस /काठमांडू 
 
तीव्रता के भूकंप ने सोमवार की सुबह नेपाल को हिलाकर रख दिया.भूकंप नेपाल के नगरकोट से 21 किलोमीटर दूर एनएनई में आया. भूकंप का केंद्र 10.0 किमी की गहराई पर था.
 
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा, नेपाल के नागरकोट के 21 किमी एनएनई में रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता वाला भूकंप आज ​​सुबह 5ः52 बजे आया.
 
नेपाल में हाल ही में आए भूकंपों ने जीवन और संपत्ति को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचाया है, जिससे ऐसी आपदाओं के प्रबंधन के लिए अच्छी तरह से तैयार किए गए नीतिगत उपायों की मांग आवश्यक हो गई है.
 
25 अप्रैल, 2015 को मध्य नेपाल की राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता का एक उच्च तीव्रता वाला भूकंप आया. अनुमान है कि इसमें 8,964 लोग मारे गए और 22,000 लोग घायल हो गए.
 
भूकंप, जिसे गोरखा भूकंप के रूप में जाना जाता है, ने उत्तरी भारत के कई शहरों को भी हिला दिया और लाहौर, पाकिस्तान, तिब्बत में ल्हासा और ढाका, बांग्लादेश में भी झटके महसूस किए गए. भूकंप के बाद काठमांडू का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद कर दिया गया.
 
भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी.12 मई 2015 को एक बड़ा आफ्टरशॉक हुआ, इस भूकंप का केंद्र काठमांडू और माउंट एवरेस्ट के बीच चीनी सीमा के पास था.
 
अनुमान लगाया गया था कि इस भूकंप में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 2,500 से अधिक घायल हुए थे.इससे पहले, नेपाल को 1934 में सबसे खराब दर्ज भूकंप का सामना करना पड़ा था. इसे 8.0 पर मापा गया था और काठमांडू, भक्तपुर और पाटन शहरों को नष्ट कर दिया था.
 
यह स्थापित किया गया है कि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे 5 सेमी प्रति वर्ष की दर से कम हो रही है. यह हिमालय के युवा तह पहाड़ों के निर्माण और बढ़ती ऊंचाई के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इस क्षेत्र को भूकंप का खतरा भी बना रहा है.
 
अगर तैयारी पर्याप्त नहीं है तो भूकंप जैसी आपदाएं कहर बरपा सकती हैं.