आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
जी-7 के विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर आगे बढ़ने से पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने का आह्वान किया है. ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है. जी7 वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम के नेतृत्व में है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा शामिल हैं.
बयान में कहा गया, ‘‘अफगानिस्तान में संकट के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की जरूरत है.‘‘.दूसरी ओर, तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ‘‘अफगानिस्तान में एक सरकारी परिषद की स्थापना की जा सकती है, जबकि तालिबान के सर्वोच्च नेता, हेबतुल्लाह अखुनजादा, समग्र रूप से प्रभारी होंगे.‘‘
तालिबान की निर्णय लेने वाली परिषद के सदस्य वहीदुल्लाह हाशमी ने रॉयटर्स को बताया, ‘‘तालिबान पूर्व पायलटों और अफगान सेना के पास जाएगा और उन्हें अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगा.‘‘उन्होंने कहा, ‘‘कोई लोकतंत्र नहीं होगा, क्योंकि हमारे देश में इसके लिए कोई जगह नहीं है.‘‘ हम इस बात पर चर्चा नहीं करेंगे कि अफगानिस्तान में किस तरह की व्यवस्था होगी. साफ है कि यहां शरिया लागू किया जाएगा.
वहीदुल्ला ने कहा कि वह शासन के मुद्दों पर चर्चा के लिए इस सप्ताह तालिबान नेतृत्व की एक बैठक में भाग लेंगे.उधर, गुरुवार को अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शनकारी सड़कों पर अफगान झंडा लहराते हुए उतरे, जिसके बाद कथित तौर पर ‘तालिबान की भीड़ पर फायरिंग‘ कर कई लोग मारे गए.
ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप में, काबुल के अंदर पुरुषों और कुछ महिलाओं की भीड़ अफगान झंडा लहरा रही थी और ‘‘हमारा झंडा हमारी पहचान है‘‘ जैसे नारे लगा रहे थे.कुनार प्रांत की राजधानी असदाबाद में एक प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद सलीम ने कहाः ‘‘एक रैली के दौरान कई लोग मारे गए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे गोलीबारी में मारे गए या भगदड़ में.‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘भगदड़ और तालिबान की गोलीबारी में कई लोग मारे गए और घायल हो गए.‘‘