जानिए पीआईए को एक साल में क्यों लगी 7 अरब रुपये की चपत

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 04-06-2021
जानिए पीआईए को एक साल में क्यों लगी 7 अरब रुपये की चपत
जानिए पीआईए को एक साल में क्यों लगी 7 अरब रुपये की चपत

 

मलिक असगर हाशमी  / नई दिल्ली / इस्लामाबाद
   
पाकिस्तान के उड्डयन मंत्रालय ने सीनेट को सूचित किया गया है कि जून 2020 में पायलटों नकली डिग्री के संबंध में संघीय उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान के बयान के कारण पीआईए को 7.9 अरब रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
 
सीनेट सत्र में पीएमएल-एन के सीनेटर इरफान सिद्दीकी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सदन को गुरुवार को लिखित में सूचित किया गया कि संघीय मंत्री गुलाम सरवर खान के बयान के बाद यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय देश इटली, स्पेन और फ्रांस डेनमार्क और नॉर्वे ने भी पीआईए की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
 
 
सदन में दिए गए जवाब के मुताबिक, उड़ानों का निलंबन अभी जारी है. इस संबंध में अंतिम नुकसान का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि 2019 के आंकड़ों को देखते हुए 7.90 अरब रुपये के नुकसान का अनुमान है.
 
उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि इस संबंध में 14 पायलटों के लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं, जबकि ऐसे पांच पायलटों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है.
 
मंत्रालय का कहना है कि पीआईए के घाटे को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं ताकि पीआईए एक आत्मनिर्भर इकाई बन सके. निगम के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी विभिन्न अवधियों में होने वाले नुकसान को कम किया जा रहा है. लागत कम करने और आमदनी बढ़ाने की कोशिशें भी हो रही हैं.
 
उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, पीआईए के घाटे का मुख्य कारण वंशानुगत ऋण, ब्याज और इन ऋणों का पुनर्भुगतान और ईंधन की कीमतों में वृद्धि है. पिछले वर्षों में राजस्व बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप इसने 2018 की तुलना में 2019 में 7.5 अरब रुपये का लाभ कमाया है. पीआईए ने आठ साल के अंतराल के बाद यह मुनाफा कमाया है.
 
2020 के पहले दो महीनों में भी सुधार देखा गया, लेकिन कोरोना ने दुनिया भर के विमानन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया और यह सिलसिला जारी है. एसओपी के चलते सीमित क्षमता वाले कुछ रूटों पर उड़ानें संचालित करनी पड़ रही.
 
उल्लेखनीय है कि पिछले साल पीआईए के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खुलासा हुआ था कि इसके अधिकांश पायलट ट्रेंड नहीं हैं. बड़ी संख्या में पाॅयलटों के पास नकली डिग्री है. इसके संचालन की व्यवस्था भी राम भरोसे है. इसके कारण हाल में मलेशिया ने कर्ज नहीं चुकाने पर पीआईए के एक जहाज को अपने यहां बंधक बना लिया था.