जानिए कहां वैक्सीन लगवाने पर मुर्गियां, गाय और अपार्टमेंट मिलते हैं

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-06-2021
  जानिए कहां वैक्सीन लगवाने पर मुर्गियां, गाय और अपार्टमेंट मिलते हैं
जानिए कहां वैक्सीन लगवाने पर मुर्गियां, गाय और अपार्टमेंट मिलते हैं

 

मलिक अगसर हामशमी / नई दिल्ली

पड़ोसी पाकिस्तान मंे कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने पर भले मोबाइल सीम ब्लाॅक करने और वेतन रोकने की धमकियां मिल रही हैं, पर छोटे-छोटे कई ऐसे देश हैं जो न केवल वैक्सीन लगवाने वालों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, उन्हें तरह-तरह के पुरस्कारों से नवाज भी रहे हैं.
 
ऐसे ही देशों में  थाईलैंड, इंडोनेशिया और हांगकांग सहित कई एशियाई मुल्क हैं, जहां वैक्सीन लगवाने पर मुर्गियां, गाएं और यहां तक ​​​​कि लाखों डॉलर के अपार्टमेंट  पुरस्कार के रूप में दिए जा रहे हैं.
 
हाल के हफ्तों में कोरोना वायरस की एक नई लहर ने दक्षिण एशिया में मामलों में वृद्धि की है. इससे निपटने के लिए वहां की सरकारों नेटीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए लकी ड्रॉ की व्यवस्था की है.
 
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, थाईलैंड के चियांग माई के मई चाइम जिले में, जहां अधिकांश निवासी पशुधन का कारोबार करते हैं, अधिकारियों ने इस महीने एक गाय पुरस्कार के तौर पर रखा. इसका असर यह हुआ कि गाय पाने की लालच में लोग धड़ाधड़ वैक्सीन लगवाने लगे हैं.
 
इंखम थोंग खाम नाम के एक 65 वर्षीय व्यक्ति ने कोरोना वायरस का टीका लगाने पर 320 डालर कीमत की गाय जीती है. वह कहते हैं, ‘‘यह मेरे लिए अब तक का सबसे अच्छा उपहार है.‘‘ 
 
यह दूसरा पुरस्कार देने वाला सप्ताह है और अधिकारियों के पास देने के लिए 27 गायें हैं.अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान ने जिले के 1,400 निवासियों में से 50 प्रतिशत से अधिक को वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराने में मदद की है. इनमें ज्यादातर उम्रदराज हैं.
 
थाईलैंड की 6.6 करोड़ की आबादी में से केवल 47.6 मिलियन लोगों को ही अब तक टीके गले हं.एशिया में बहुत से लोग गलत सूचना के कारण अनिश्चितता का शिकार हैंु और टीका लगवाने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संख्या भारत में भी बहुत है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज कमेटियों, वक्फ बोर्ड और कुछ एनजीओ की मदद से टीके के प्रति भ्रांतियों को दूर करने के लिए ‘जान है तो जहान है’ अभियान चला रखा है.
 
बहरहाल, हांगकांग में अभी कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अधिकारियों को चिंता है कि अगर नागरिकों ने टीके नहीं लगाए तो महामारी तेजी से फैल सकती है. इसलिए देश भर में टीकाकरण करने वालों को शॉपिंग वाउचर, हवाई यात्रा और अन्य पुरस्कारों की पेशकश की जा रही है. इसमें 14.14 मिलियन की लागत वाले नए अपार्टमेंट भी शामिल हैं.
 
इसके अलावा, कुछ कार्यालयों में कर्मचारियों को टीकाकरण के लिए भुगतान करने के बाद छुट्टी पर भेजा जा रहा है. वहीं निजी स्पोर्ट्स क्लब में टीकाकरण न कराने वाले कर्मचारियों को इनाम के बदले सजा दी जा रही है. वहां के कर्मचारियों से कहा गया है कि जून के अंत तक टीकाकरण नहीं करवाने पर उन्हें भविष्य में कोई लाभ, पदोन्नति या वेतन नहीं दिया जाएगा.
 
इंडोनेशिया जैसे देशों में, जहां कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, अधिकारी वैक्सीन को लेकर लोगों के डर को दूर नहीं कर पाए हंै.आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इंडोनेशिया में कोरोना के 19 लाख मामले सामने आए और मरने वालों की संख्या 53,280 है.
 
हालांकि, हाल के एक अध्ययन में देखे गए रक्त सीरम के नमूनों से पता चलता है कि मामलों की संख्या 30 गुना अधिक हो सकती है.इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत जावा में एक 67 वर्षीय व्यक्ति ने कहाः ‘‘मुझे डर था कि जैसे ही मैंने टीका लगाया, मैं अपनी जान गंवा दूंगा. फिर खबर आई कि वैक्सीन में सूअर का मांस शामिल है. इस लिए मैंने टीका लगाने से इनकार कर दिया. अब वह लगवाने को तैयार हो गए हैं.